पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर में भड़की हिंसा के कारण 9 हजार से अधिक लोगों के इम्फाल विस्थापित किया जा चुका है। ऐसे में हिंसा पर काबू पाने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इस बीच सरकार ने आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच भड़के हिंसा के बीच उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं सेना और असम राइफल्स के 55 कॉलम को वहां तैनात किया गया है। मणिपुर के हालात पर फिलहाल काबू पाया गया है लेकिन इंटरनेट की सुविधा बंद है।
विधायक पर भीड़ ने किया हमला
मणिपुर हिंसा के बीच ही भीड़ ने भाजपा के एक विधायक पर हमला बोल दिया है। यहां भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर गुरुवार के दिन इम्फाल में भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ ने यह हमला तब किया जब वह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात करके राज्य सचिवालय लौट रहे थे। फिरजावल जिले के थानलॉन से तीन बार के विधायक वाल्टे उस वक्त इंफाल में अपने सरकारी आवास जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने उनपर हमला किया। भीड़ ने इस दौरान विधायक के ड्राइवर पर हमला बोल दिया। इस दौरान विधायक का पीएसओ वहां से बच निकलने में सफल रहा। बता दें कि विधायक की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं विधायक का इलाज इंफाल रिम्स में चल रहा है।
अमित शाह कर रहे ताबड़तोड़ मीटिंग
बता दें कि भाजपा विधायक वाल्टे कुकी समुदाय से हैं। वह पिछली भाजपा सरकार में मणिपुर के जनजातीय मामलों और पहाड़ी मंत्री थे। सूत्रों की मानें तो मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्थिति की समीक्षा के लिए दो वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठकें भी की है। वहीं एक के बाद एक कई बैठके वो लगातार कर रहे हैं। वहीं हिंसा भड़कने के बाद अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है। जानकारी के मुताबिक अमित शाह हालात की समीक्षा के लिए लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें कर रहे हैं।