1123 किलो प्याज बेचने के बाद किसान को हुई सिर्फ 13 रुपये की कमाई, जानें पूरा मामला

देश में किसानों की स्थिति क्या है, ये खबर पढ़ने के बाद आपको सबकुछ अच्छे से समझ में आ जाएगा। भारत में इन दिनों किसानों की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है। पहले तो बेमौसम बारिश ने खेतों में लगी तैयार फसलों का बर्बाद कर दिया और जहां फसलें बर्बाद नहीं हुईं, वहां की फसलों की गुणवत्ता काफी खराब हो गई। खराब गुणवत्ता की वजह से किसानों को फसलों की उचित कीमत नहीं मिल रही है। इसी सिलसिले में महाराष्ट्र के सोलापुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।

1123 किलो प्याज बेचने के बाद हुई 13 रुपये की कमाई

सर्दियों के मौसम में प्याज की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बावजूद महाराष्ट्र के सोलापुर में एक किसान को 1123 किलो प्याज बेचने के बाद सिर्फ 13 रुपये की कमाई हुई। जहां एक तरफ महाराष्ट्र के किसान नेता ने इसे अस्वीकार्य बताया है तो वहीं दूसरी तरफ एक कमीशन एजेंट ने दावा किया है कि किसान द्वारा उगाई गई प्याज की गुणवत्ता खराब थी, जिसकी वजह से बाजार में उनकी फसल की कम कीमत लगाई गई है।

1123 किलो प्याज के बदले मिले 1665।50 रुपये

सोलापुर स्थित कमीशन एजेंट द्वारा दी गई बिक्री रसीद में महाराष्ट्र के एक किसान बप्पू कावड़े ने बाजार में 1,123 किलो प्याज भेजा और इसके बदले उसे केवल 1,665।50 रुपये मिले। इसमें खेत से कमीशन एजेंट की दुकान तक माल ले जाने की श्रम लागत, वजन करने का शुल्क और परिवहन खर्च शामिल है जबकि उत्पादन लागत 1,651।98 रुपये है। इसका मतलब है कि किसान ने केवल 13 रुपये कमाए।

कावड़े की बिक्री रसीद ट्वीट करने वाले स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और पूर्व लोकसभा सांसद राजू शेट्टी ने कहा, “कोई इन 13 रुपये का क्या करेगा। यह अस्वीकार्य है। किसान ने अपने खेत से कमीशन एजेंट की दुकान पर प्याज की 24 बोरी भेजी और बदले में उसने इससे सिर्फ 13 रुपये कमाए।”

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चारों तरफ से मुसीबतों के बीच घिरा किसान

बताते चलें कि देश के लगभग सभी हिस्से में किसानों की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है। इन दिनों देश का किसान कई तरह की समस्याओं से घिरा हुआ है। जहां एक तरफ बेमौसम बरसात ने किसानों की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। वहीं दूसरी ओर, खाद ने किसानों की नाक में दम कर रखा है। खाद की कमी के चलते बड़े लेवल पर इसकी कालाबाजारी हो रही है। खाद दुकानदार किसानों की मजबूरी का गलत फायदा उठाकर ऊंची कीमतों पर खाद की बिक्री कर रहे हैं।