आजादी के बाद देश सही मायने में मना रहा पहला जनजातीय गौरव दिवसः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत सही मायने में अपना प्रथम जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। आजादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर जनजातीय कला, संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को गौरव एवं सम्मान प्रदान करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है। इसके लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने घोषणा की कि भारत सरकार ने भी फैसला किया है कि 15 नवम्बर को पूरे देश में हर वर्ष गांधी-पटेल-अंबेडकर जयंती की तरह ही वृहद पैमाने पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जायेगा तथा जनजातीय समाज के योगदान को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा। आज शिवराज सरकार जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये कई योजनाओं की शुरुआत कर रही है। यह अत्यंत हर्ष काविषय है।

प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहाँ जनजातीय कलाकारों द्वारा अत्यंत मनोहारी एवं अर्थपूर्ण नृत्य-गीत की प्रस्तुति दी गई है। मैं इन्हें ध्यान से देख रहा था। इनके हर नृत्य, गीत, जीवन-शैली, परंपराओं में कोई न कोई तत्व ज्ञान होता है। आज यह नृत्य गीत मुझे बता रहे थे कि जीवन 4 दिन का होता है, फिर मिट्टी में मिल जाता है, धरती, खेत, खलिहान किसी के नहीं रहते, धन-दौलत यहीं छोड़कर जानी होती है। मन में गुमान करना व्यर्थ है। जीवन का उत्तम तत्व ज्ञान जंगल में रहने वाले ये जनजातीय भाई-बहन हमें बताते हैं। हम अभी यह सब सीख रहे हैं।

मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनजातीय समाज ने कोरोना के दोनों टीके लगवाकर पढ़े-लिखे समाज के सामने उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। देश को बचाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के नरसिंहरुंडा ग्राम में शत-प्रतिशत कोरोना वैक्सीनेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान है। भगवान श्री राम को वनवास के दौरान जनजातीय समाज द्वारा दिये गये सहयोग ने ही मर्यादा पुरूषोत्तम बनाया। जनजातीय समाज की परंपराओं, रीति-रिवाजों, जीवन-शैली से हमें प्रेरणा मिलती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज का हित हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश का विकास तब तक संभव नहीं है, जब तक हर व्यक्ति की इसमें उचित हिस्सेदारी न हो। सरकार द्वारा हर अन्य वर्गों की तरह जनजातीय समाज को भी तरक्की का हर मौका दिया गया है। जनजातीय क्षेत्रों में भी शिक्षा, आवास, बिजली, गैस, इलाज आदि सभी सुविधाएँ पहुँचाई गई हैं। देश में जल-जीवन मिशन प्रारंभ कर हर घर में नल से जल पहुँचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास की व्यापक संभावनाएँ हैं, जिन पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों के सामर्थ्य के सही इस्तेमाल की नीति बनाई गई है। जनजातीय भागीदारी के बिना आत्म-निर्भर भारत का निर्माण संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि जनतातीय कलाकारों में सृजन की अद्भुत क्षमताएँ हैं। आज जनजातीय कलाकृति प्रदशर्नी में श्रेष्ठ कलाकृतियाँ देखने को मिली हैं। इन कलाकारों की अंगुलियों में अद्भुत ताकत है। जनजातीय कलाकृतियों एवं उत्पादों को सरकार द्वारा अब उचित बाजार प्रदान किया जा रहा है। इन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। ट्राइफेड पोर्टल के माध्यम से जनजातीय उत्पादों को राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकारें निरंतर जनजातीय कल्याण के कार्य कर रही हैं। सरकार द्वारा 20 लाख जनजातीय व्यक्तियों को वनभूमि के पट्टे प्रदान किये गये हैं। जनजातीय युवाओं के शिक्षा एवं कौशल विकास के लिये देशभर में 750 एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय खोले जा रहे हैं, जिनमें से 50 का आज शिलान्यास किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 30 लाख विद्यार्थियों को हर वर्ष छात्रवृत्ति दी जा रही है। अगले 7 वर्षों में 9 जनजातीय शोध संस्थान खोले जाएंगे। सरकार द्वारा 90 वनउपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जो 150 से अधिक मेडिकल कॉलेज मंजूर किए हैं, उनमें जनजातीय बहुल जिलों को प्राथमिकता दी गई है। इसी तरह जल जीवन मिशन में मध्यप्रदेश में जिन 30 लाख परिवारों को घर-घर पीने का पानी पहुँचाया जा रहा है, उनमें अधिकांश जनजातीय बंधु हैं। जनजातीय वर्ग की बहनें और बेटियाँ इसके पहले दूर-दूर पानी लेने के लिए जाती थीं।

मोदी ने कहा कि खनिज नीति में ऐसे परिवर्तन किए जिनसे जनजातीय वर्ग को वन क्षेत्रों में खनिजों के उत्खनन से लाभ मिलने लगा है। जिला खनिज निधि से 50 हजार करोड़ के लाभ में जनजातीय वर्ग हिस्सेदार है। जनजातीय समाज को यह सम्पदा काम आ रही है। खनन क्षेत्र में रोजगार संभावनाओं को बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि बाँस की खेती जैसे सरल कार्य को पूर्व सरकारों ने कानूनों में जकड़ दिया था, जिन्हें संशोधित कर अब जनजातीय वर्ग की छोटी-छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति का मार्ग प्रारंभ किया गया है।

उन्होंने कहा कि मोटा अनाज जो कभी उपेक्षित था, वह भारत का ब्राण्ड बन रहा है। जनजातीय बहनों को काम और रोजगार के अवसर दिलवाने का कार्य हो रहा है। जहां पहले 8 से 10 उपजों के लिए ही समर्थन मूल्य की व्यवस्था थी, वहीं अब करीब 90 वन उपजों पर समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। जनजातीय वर्ग में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन इच्छाशक्ति के अभाव में पूर्व सरकारों ने इनके सृजन को सम्मान नहीं दिया। इनकी परम्पराओं का संरक्षण नहीं किया। आज भोपाल में जनजातीय बहनों द्वारा निर्मित वस्तुएँ देखकर उनके हुनर के प्रमाण मिले हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रति विद्यार्थी जहाँ सिर्फ 40 हजार रुपये की राशि खर्च होती थी, अब सालाना एक लाख रूपए की राशि व्यय की जा रही है। जनजातीय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और शोध से भी जोड़ा जा रहा है। देश में कुछ वर्ष पहले तक 18 जनजातीय अनुसंधान केन्द्र थे, जो बढ़कर 27 हो गए हैं। नई शिक्षा नीति में जनजातीय वर्ग के बच्चों को मातृ भाषा की शिक्षा का लाभ भी मिलेगा।

उन्होंने कहा, जनजातीय वर्ग देश की पूँजी है। ये देश की ताकत हैं। सेवा भावना और कर्मठता उनका स्वभाव है। इसी सेवा भाव का उदाहरण शिवराज जी ने आज राशन आपके ग्राम योजना, सिकल सेल एनीमिया मिशन प्रांरभ करने के माध्यम से प्रस्तुत किया है। जनजातीय वर्ग को कोरोना काल में भी प्रधामनंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से लाभान्वित किया गया। अब मध्यप्रदेश में नई योजना की शुरू होने से सस्ता राशन अपने ही ग्राम और घर में मिल जाने से समय और ऊर्जा की बचत होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ही उन्होंने रांची में भगवान बिरसा मुंडा के संग्रहालय का वर्चुअल लोकार्पण किया है। हमारा कर्तव्य है कि नई पीढ़ी को हमारे संग्रामों और जनजातीय नायकों के योगदान से परिचित करवाएं। चाहे रानी दुर्गावती हो या रानी कमलापति उन्हें राष्ट्र भूल नहीं सकता। जनजातीय वर्ग के महत्वपूर्ण योगदान को आजादी के बाद दशकों तक देश को नहीं बताया गया। देश की करीब 10 प्रतिशत जनजातीय आबादी की सांस्कृतिक खूबियों को नजरअंदाज किया गया।

मोदी ने लगभग 100 वर्ष की आयु के इतिहासकार और लेखक श्री बाबा साहब पुरंदरे के अवसान पर भी शोक व्यक्त किया, जिनका आज अवसान हुआ है। बाबा साहब पुरंदरे नेशिवाजी महाराज के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाया। भारत सरकार ने पद्म विभूषण से और मध्यप्रदेश शासन ने बाबा पुरंदरे जी को कालिदास सम्मान भी दिया था।

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उन्होंने कहा कि राज्यपाल मंगुभाई पटेल मध्यप्रदेश के पहले जनजातीय राज्यपाल हैं। उन्होंने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये अपना पूरा जीवन खपा दिया। मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में आज के दिन हम यह संकल्प भी ले रहे हैं कि राष्ट्र के विकास के लिए दिन-रात मेहनत करेंगे। उन्होंने समस्त राष्ट्रवासियों को बिरसा मुंडा जयंती और आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी।