महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने उद्धव ठाकरे गुट को पीछे छोड़ते नजर आ रही है, शुरूआती रुझानों में महायुति महाराष्ट्र में दोबारा सरकार बनाती नजर आ रही है। इसके साथ ही एग्जिट पोल द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान भी सही साबित हो रहे हैं, जिनको लेकर महा अघाड़ी गठबंधन ने कई सवाल खड़े किये थे।
कौन होगा बाला साहब ठाकरे की विरासत का उत्तराधिकारी
दरअसल, शिवसेना की स्थापना मूल रूप से उद्धव के पिता दिवंगत बाला साहब ठाकरे ने की थी। लेकिन वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना दो भागों में विभाजित हो गई। इनमें एक एक गुट का नेतृत्व दिवंगत बाला साहब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे कर रहे हैं,जो महा अघाड़ी गठबंधन के सदस्य हैं। जबकि दूसरा गुट पार्टी के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है।
इस चुनाव को एमवीए और महायुति के बीच की जंग के रूप में तो देखा ही जा रहा था, साथ ही यह चुनाव दिवंगत बाला साहब ठाकरे की विरासत के उत्तराधिकारी के के चयन के रूप में देखा जा रहा है। एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों नेता शिवसेना के नाम पर चुनावी जंग में एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं, लेकिन बाला साहब का महाराष्ट्र किस शिवसेना को ज्यादा तवज्जो देगा, यह चुनावी नतीजे बयां करेंगे।
महायुति गठबंधन ने बना रखी है तगड़ी बढ़त
चुनाव आयोग के नवीनतम अपडेट के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन 288 विधानसभा सीटों में से 228 पर आगे चल रहा है और सत्ता पर दोबारा कब्जा करते नजर आ रही है। इसके विपरीत, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) केवल 49 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रहा है।
कई टीवी चैनलों ने महायुति के और भी मजबूत प्रदर्शन का अनुमान लगाया था, जो 20 नवंबर के चुनावों के बाद मतगणना के दौरान एमवीए की 68 सीटों की तुलना में 212 सीटों पर आगे थी।
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 81 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे। एनसीपी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने 59 सीटों पर चुनाव लड़कर गठबंधन को पूरा किया।
दूसरी ओर, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने भी सीटों के बंटवारे में मजबूती दिखाई। कांग्रेस ने 101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि उद्धव बालासाहेब ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना ने 95 सीटों पर चुनाव लड़ा। एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े ने 86 सीटों पर चुनाव लड़कर अपनी ताकत बढ़ाई।
वर्ष 2019 में भी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी बीजेपी
2019 के विधानसभा चुनावों पर एक नज़र डालने से राजनीतिक गतिशीलता में आए बदलाव का संदर्भ मिलता है। भाजपा 2019 के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जिसने 164 सीटों पर चुनाव लड़े और 105 सीटें जीतीं। शिवसेना ने 126 सीटों पर चुनाव लड़े और 56 सीटें जीतीं। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने मौजूदा गठबंधनों की नींव रखी, जो इस बात को रेखांकित करता है कि राजनीतिक गणना और मतदाता वरीयता ने 2024 के लिए रणनीतियों को कैसे आकार दिया है।
2024 में शानदार बढ़त के साथ, महायुति गठबंधन ने अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है, जबकि एमवीए महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है।
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अगर मौजूदा रुझान जारी रहे, तो एकनाथ शिंदे शिवसेना की विरासत की लड़ाई में निर्णायक जीत हासिल करने के लिए तैयार हैं। 2022 में पार्टी से शिंदे के नाटकीय रूप से अलग होने के बाद यह उद्धव ठाकरे पर एक महत्वपूर्ण जीत होगी।
रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा कि यह महाराष्ट्र की जनता का फैसला नहीं हो सकता। हम जानते हैं कि महाराष्ट्र की जनता क्या चाहती है।
संदीप शर्मा की रिपोर्ट
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