क्षेत्रवार हो रहे ‘संवाद कार्यक्रम’ के तहत पश्चिमी क्षेत्र के विधायको को विस अध्यक्ष ने किया संबोधित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि विधायक किसी का अपमान नही करना चाहते हैं लेकिन अपना सम्मान भी चाहते हैं। विधायिका और कार्यपालिका को अपनी सीमा में रहकर हमेशा अपना काम करते रहना चाहिए। महाना ने सुझाव दिया कि विधायक एक दूसरे का सम्मान करें चाहे वह विपक्ष का विधायक हो अथवा सत्ता पक्ष का।
महाना मंगलवार को यहां क्षेत्रवार हो रहे ‘संवाद कार्यक्रम’ के तहत पश्चिमी क्षेत्र के विधायको को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने फिर दोहराया कि विधानसभा के आगामी सत्र में सदन जितने दिन भी चले सदस्यों की उसमें भागीदारी बराबर बनी रहनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बराबर प्रयास करते रहना चाहिए क्योंकि यह एक सतत प्रक्रिया है और यह कभी खत्म नहीं होती है। महाना ने कहा कि विधायिका की गरिमा तथा उसके अधिकारों को वापस दिलाने का प्रयास करता रहूंगा जो पिछले दो तीन दशकों से उसके हाथ से ले लिए गए।
महाना ने कहा है कि विधायकों को बार बार चुनाव जीतना एक विधायक की छवि पर निर्भर रहता है। जनसामान्य में छवि के अनुरूप ही वोट मिलता है। अगर अपनी छवि के अनुरूप कार्य करते रहें तो लगातार चुनाव जीतते रहेंगे। विस अध्यक्ष ने कहा कि विधायिका की छवि बदलने का प्रयास कर रहा हूं। इस बात का दावा तो नहीं करता कि सब कुछ ठीक कर दूंगा लेकिन इस बात का पूरा विश्वास है कि भविष्य में इसमें सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
संवाद कार्यक्रम में विधानसभा सदस्य शाहिद मंजूर ने कहा कि यदि आपके रहते विधायिका में सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में फिर उम्मीद नहीं की जा सकती है। जीएस धर्मेश ने कहा कि यूपी विधानसभा में हो रही इस तरह की बैठकों ने देश की दूसरी विधानसभाओं में संदेश देने का काम किया है।इस मौके पर डा. मंजू शिवाच ने कहा कि हर छह महीने में विधायकों के सुझाव लिए जाने चाहिए। पंकज मलिक ने कहा कि आपने विधानसभा की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है।
तेजपाल नागर ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाए जाने पर जोर दिया। अनिल पाराशर ने विधानसभा वार नोडल अधिकारी की नियुक्ति किए जाने की जरूरत बताया। विधायक संजय कुमार ने कहा कि पहले जब चालू सत्र में ही विधानसभा अध्यक्ष से भेंट होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है।कार्यक्रम में मंत्री बेबी रानी मौर्य और केपी मलिक के अलावा प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थिति थें।