संसद के मानसून सत्र में तूफ़ानी माहौल जारी है। राज्यसभा में एक बार फिर मणिपुर मामले को लेकर गरमा गर्मी दिखाई दी है। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को घेरने में जुटी हुई है। इस बीच, आज गुरुवार को राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हुई। उन्होंने सभापति के शादीशुदा होने पर हंसते हुए कहा कि वे 45 साल से अधिक समय से शादीशुदा हैं और वे कभी क्रोधित नहीं होते।
आपको बता दे, सभापति ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का जिक्र करते हुए कहा कि वे एक प्रख्यात वरिष्ठ वकील हैं और वरिष्ठ वकील के रूप में उन्हें गुस्सा करने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़ को गुस्से में देखा और कहा कि उन्हें अंदर भी गुस्सा है। इस पर सभी सदस्य और सभापति भी खिलखिला कर हंस पड़े। बाद में सभापति धनखड़ ने फिर से अपनी बात रखी। उन्होंने अपने नोटिस में बताया कि नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए और विपक्ष के नेता का प्रधानमंत्री का बचाव करने का विचार अच्छा नहीं है। विपक्ष के नेता खरगे ने सदन को तब तक के लिए स्थगित करने का सुझाव दिया।
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बता दे, इस विवाद से सभापति धनखड़ ने अपनी निराशा जताई और कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री का बचाव करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें संविधान और सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। राज्यसभा के सभापति ने मणिपुर पर चर्चा के लिए सदन के नेताओं को 1 बजे के लिए बैठक में आमंत्रित किया है। विपक्ष के नेता खरगे ने सदन को तब तक के लिए स्थगित करने की सलाह दी है।
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