प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात में 4,400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने 19,000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत घरों की चाबियां दीं। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, पीएम मोदी ने गिफ्ट सिटी का दौरा भी किया। उसके बाद उन्होंने 4,400 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।
‘मैं आजीवन विद्यार्थी हूं‘
गांधीनगर में कई विकास योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज हमें समाज में ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है, जिसमें लोग शिक्षक बनने के लिए स्वेच्छा से आगे आएं। हमें देश के भविष्य को गढ़ना है, बच्चों को रोज कुछ नया सिखाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो एक बड़ा प्रावधान किया गया है, वो हमारे गांव देहात और छोटे शहरों के शिक्षकों की बहुत मदद करने वाला है और ये प्रावधान है मातृभाषा में पढ़ाई का। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि मैं आजीवन एक विद्यार्थी हूं। समाज में जो कुछ भी होता है, मैं उसे बारीकी से ऑब्जर्व करना सीखा हूं। पीएम ने कहा कि गूगल डाटा दे सकता है लेकिन फैसला आप ही को लेना है।
जाति-धर्म के आधार पर भेद नहीं करती भाजपा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के लिए देश का विकास एक समर्पण है। अभी गुजरात में भाजपा सरकार बने कुछ ही महीने हुए हैं लेकिन विकास की रफ्तार देखकर आनंद आ रहा है। हमारी सरकार हर गरीब तक पहुंचने की कोशिश कर रही है और हमारी सरकार किसी के साथ जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती।
महिला सशक्तिकरण को दी गति
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों और अब की सरकार के विजन में बड़ा अंतर है। हम गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित हैं। पुरानी नीतियों या फेल हो चुकी नीतियों पर चलकर देश का भाग्य नहीं बदल सकता और ना ही देश सफल हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना गरीबों के साथ महिला सशक्तिकरण को बड़ी ताकत दे रही है। पिछले नौ वर्षों में देश में 4 करोड़ पक्के घर गरीब परिवारों को मिल चुके हैं। जिनमें से 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि साल 2014 में भारत में सिर्फ 14-15 प्रतिशत कचरे का प्रबंधन होता था, जो आज बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है।
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प्रधानमंत्री ने बताईं अपनी दो इच्छाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन के दौरान कहा कि लाखों शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में अपना योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने संबोधन में बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनें तो उनकी दो ही व्यक्तिगत इच्छाएं थी। उनकी एक इच्छा थी कि वह अपने स्कूल के दोस्तों को मुख्यमंत्री आवास आमंत्रित करें। दूसरी इच्छा थी कि जब वह मुख्यमंत्री बन जाएं तो अपने शिक्षकों को भी सीएम आवास बुलाएं। प्रधानमंत्री ने अपने ये दोनों इच्छाएं पूरी की और कहा कि इन्हें पूरा करके उन्हें बहुत खुशी हुई।