पश्चिम बंगाल में गुरुवार को हो रहे दूसरे चरण के मतदान के दिन नंदीग्राम सीट से उम्मीदवार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग व केन्द्रीय बल पर पक्षपात करने और मतदाताओं को धमकाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में ममता बनर्जी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि लोगों को मतदान नहीं करने दिया गया। ममता ने मतदान के दिन प्रधानमंत्री की रैली करने पर भी आपत्ति जताई।
ममता ने लगाए बेहद गंभीर आरोप
दरअसल, विधानसभा क्षेत्र के बोयाल के हाईस्कूल में बने मतदान केंद्र में ममता बनर्जी करीब दो घंटे तक बैठी रहीं। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन कर नंदीग्राम में बाहर के आए लोगों से हंगामा कराने का आरोप लगाया। उन्होंने अर्धसैनिक बलों पर भी लोगों को डराने व धमकाने का आरोप लगाया। ममता के मतदान केन्द्र में रहने के दौरान केन्द्र के बाहर तमाम लोग डटे रहे और हंगामा करते रहे।
मतदान केन्द्र से बाहर आने पर ममता बनर्जी ने मीडिया से वार्ता की। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नंदीग्राम में आज तक के इतिहास में इतना खराब चुनाव नहीं देखा। लोगों को मताधिकार का प्रयोग नहीं करने दिया गया है। शिकायत के बाद भी चुनाव आयोग निष्क्रिय बना रहा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है, गृह मंत्री के इशारे पर सीआरपीएफ काम कर रहा है और लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए कह रहा है।
ममता ने कहा कि चुनाव आयोग सब कुछ देख रहा है और मतदान केंद्र के पास नारेबाजी हो रही है। यह आयोग की निष्क्रियता नहीं तो क्या है? उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से हुआ वैसा आगे नहीं होना चाहिए। उन्होंने बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवानों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से आकर यहां के मतदाताओं को डरा धमका रहे हैं।
दरअसल, ममता बनर्जी के पहुंचने पर कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाने पर भी हंगामा हुआ था। पत्रकार वार्ता के बीच ममता बनर्जी ने दावा किया कि नंदीग्राम से उनकी ही जीत होगी। उन्होंने कहा कि भारी गड़बड़ी के बावजूद 90 फ़ीसदी मतदान तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में हुआ है और वह ही जीतेंगी।
प्रधानमंत्री पर लगाए आचार संहिता उल्लंघन के आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस दिन भी मतदान होता है, उस दिन प्रधानमंत्री मोदी बंगाल की किसी न किसी हिस्से में पहुंच जाते हैं। उनके साथ सारी सरकारी मशीनरी भी होती है और दूरदर्शन समेत सभी सरकारी एजेंसियां होती हैं। इससे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन होता है।
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उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग क्यों प्रधानमंत्री को मतदान वाले दिन जनसभा की अनुमति देता है।मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने चुनाव पर्यवेक्षकों से भी बात की है और सारी शिकायतें बताई हैं। हालांकि उन्होंने क्या कुछ बात की इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया।