दिल्ली हाईकोर्ट ने जजों, वकीलों, कोर्ट स्टाफ को भी कोरोना के पहले चरण की वैक्सिनेशन ड्राइव में शामिल करने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ये सरकार का नीतिगत फैसला है। हमारे दखल की जरूरत नहीं है। आप सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं, सरकार उस पर क़ानून के मुताबिक विचार करे।
याचिका वकील अमरेंद्र सिंह ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि इसके लिए दो महीने के अंदर सभी कोर्ट परिसरों में कोरोना वैक्सिनेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने का दिशानिर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया था कि कानून का शासन कोर्ट के कामकाज और पक्षकारों को न्याय जल्दी मिलने पर निर्भर होता है।
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कोरोना संकट के दौरान कोर्ट में कामकाज सुचारू रूप से नहीं चलने की वजह से पक्षकारों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। वकीलों को भी इस दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है।