बीबी के मकबरे में छुपा 400 साल पुराना राज सामने आया, ताजमहल की नकल कर शाहजहां के पोते ने कराया था निर्माण

काशी का ज्ञानवापी मस्जिद विवाज अब अदालत की दहलीज पर है। कोर्ट की तरफ से मामले की सुनवाई जारी है। आज वाराणसी के जिला कोर्ट के समक्ष सुनवाई हुई। दोनों तरफ की दलीलें सुनकर कोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। देश में एक तरफ ज्ञानवापी को लेकर बहस तेज है वहीं अब महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित बीबी का मकबरा में 400 साल पुराना दफ्न राज बेपर्दा होता नजर आया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को बीबी का मकबरा के बाहरी क्षेत्र में मलबा हटाने के दौरान एक आवसीय भवन जैसा ढांचा प्राप्त हुआ है।

एएसआई को 400 साल पुराने स्नानघर के अवशेष मिले

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी के अनुसार महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीबी का मकबरा के बाहरी क्षेत्र में मलबा हटाने के दौरान एक आवासीय भवन जैसा ढांचा पाया गया है। अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले साल, स्मारक के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में मलबा हटाने का कार्य किया गया। हमने एक आवासीय भवन जैसा ढांचा पाया जिसमें एक शौचालय भी है। यह ढांचा बीबी का मकबरा का समकालिक है। ’’ अधिकारी ने कहा कि इलाके में कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा और इसे जल्द ही लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

क्यों हुई खुदाई

एएसआई ने हमाम (स्नानघर) के अस्तितव की जानकारी मिलने के बाद खुदाई शुरू की। अब तक एएसआई की खुदाई में 36×36 मीटर का स्ट्रक्चर पाया गया है।  अधिकारियों का मानना है कि हमाम 1960 के दशक के कुछ समय बाद मिट्टी में ढंक गया था, जब इसके और संरक्षित स्मारक के बीच एक सड़क बिछाई गई थी।

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दक्कन का ताजमहल

बीबी का मकबरा को दक्कन के ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है। इसका निर्माण मुगलों ने 17वीं सदी में कराया था और यह क्षेत्र में पर्यटकों के आकर्षण का एक मुख्य केंद्र है। शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए आगरा में ताजमहल बनवाया था, जिसे देखा देखी औरंगजेब के बेटे और शाहजहां के पोते आजम शाह ने ताजमहल से प्रेरित होकर अपनी मां दिलरास बानो बेगम की याद में बीबी का मकबरा बनवाया।