23 दिन में 23 ट्वीट, अतीक अहमद के समर्थन में पाकिस्तान बॉर्डर से एक्टिव है ट्विटर हैंडल, यूपी पुलिस अलर्ट पर

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का बदला लेने की धमकी देने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. धमकी भरा ट्वीट जम्मू-कश्मीर के पुंछ से किया गया था. यह ट्विटर हैंडल पुंछ से ऑपरेट हो रहा है. जिस टि्वटर हैंडल – द सज्जाद मुगल से धमकी भरा ट्वीट पोस्ट किया गया था उससे अतीक अशरफ की हत्या को लेकर लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं. इस बात कख खुलासा हुआ है कि माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार को लेकर पिछले 23 दिनों में 23 ट्वीट किए गए हैं.

बीते 16 अप्रैल से 8 मई के बीच 23 दिनों में अतीक अहमद को लेकर 23 ट्वीट किए गए हैं. पाकिस्तानी बॉर्डर के पास से लगातार किए जा रहे ट्वीट से खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं. कश्मीर के एक ही टि्वटर हैंडल से 23 दिनों में 23 ट्वीट ने कई सवाल खड़े किए हैं. जांच में धमकी भरे ट्वीट का पाकिस्तानी कनेक्शन भी खंगाला जाएगा. शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि टि्वटर हैंडल ऑपरेट करने वाला शख्स यू ट्यूबर भी है.

उसका अपना यूट्यूब चैनल भी है. यूट्यूब चैनल पर भी कई विवादित वीडियो डाले गए है. आशंका इस बात की भी है कि धमकी देने वाला शख्स असदुद्दीन ओवैसी का समर्थक और उनकी पार्टी का कार्यकर्ता भी है क्योंकि इस टि्वटर हैंडल से असदुद्दीन ओवैसी के कई वीडियो ना सिर्फ पोस्ट किए गए हैं बल्कि यूपी नगर निकाय चुनाव में ओवैसी की पार्टी को जिताने की अपील भी की गई है. अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर इसी ट्विटर हैंडल से धमकी भरा पोस्ट किया गया था. ट्वीट में लिखा हुआ था कि अभी नस्ल खत्म नहीं हुई है। अतीक का यह बेटा अली अभी जिंदा है। इंशा अल्लाह हालत – वक्त- सत्ता बदलेगी। फिर इलाहाबाद भी बोला जाएगा। हिसाब भी पूरा लिए जाएगा.

ट्वीट के साथ अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की एक तस्वीर भी अपलोड की गई थी. इस मामले में प्रयागराज के साइबर क्राइम थाने में आईपीसी की धारा 505 (2) और आईटी एक्ट 2008 की धारा 66 के तहत केस दर्ज किया गया है. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है. प्रयागराज के साइबर क्राइम थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने इस मामले में अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज की है. साइबर क्राइम थाने की पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि धमकी देने वालों का कोई पाकिस्तानी कनेक्शन तो नहीं है. जरूरत पड़ने पर साइबर थाने की पुलिस केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ले सकती है.

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इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस की भी मदद ली जा सकती है. एड्रेस वेरीफाई करने के बाद जल्द ही साइबर थाने की पुलिस जम्मू-कश्मीर के पुंछ जाने की भी तैयारी में है. इस ट्विटर हैंडल से अतीक अशरफ केस से जुड़े हुए तमाम लोगों के बयान और वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं. मुसलमानों को लेकर तमाम अन्य विवादित पोस्ट भी डाली गई हैं.