गोरखपुर के 181 गांव बाढ़ प्रभावित, जलशक्ति मंत्री ने बताया बचाव का प्‍लान

गोरखपुर: मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में वह गोरखपुर पहुंचे, जहां बाढ़ से बचाव को लेकर एनेक्सी भवन में जिले के सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें बाढ़ की स्थिति जानी और प्रभावित ग्रामीणों को पहुंचाई जा रही राहत सामग्री के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। साथ ही बाढ़ से बचाव को लेकर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।

एनेक्‍सी भवन में प्रेस वार्ता करते हुए जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि, नेपाल और उत्तराखंड में हुई ओलावृष्टि के कारण से सभी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। सरयू पिछले 39 दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राप्ती और रोहिनी 25 दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सभी नदियां करीब-करीब खतरे के निशान से ऊपर हैं, जिसके कारण बहुत से गांवों में पानी भर गया है।

एक लाख से ज्‍यादा लोग प्रभावित: जलशक्ति मंत्री  

जलशक्ति मंत्री ने बताया कि, गोरखपुर की सातों तहसील से 20 ब्‍लॉक में कुल 181 गांव ऐसे हैं, जो नदियों के जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुए हैं। उसमें जो पॉपुलेशन प्रभाव का क्षेत्र आया है, उसमें लगभग एक लाख 98 हजार लोग घिरे हुए हैं। कुछ गांव ऐसे हैं, जिनमें चारों तरफ से पानी है। वहीं, कुछ गांव ऐसे हैं, जिसमें तीन तरफ से और कुछ में दो तरफ से पानी का घेरा है।

डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि, यहां बचाव के लिए 33 बाढ़ चौकियां, 333 नाव, 22 स्टीमर, दो एनडीआरएफ की प्लाटून कंपनियां, एक एसडीआरएफ की कंपनी, जल पुलिस की एक कंपनी लगी हुई हैं। लेकिन, अभी तक कोई गांव ऐसा नहीं निकला, जिसको स्थापित करना पड़े। शहरी क्षेत्र के 150 लोगों को विस्थापित करके एक राहत केंद्र बनाकर रखा गया है, उनकी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। ऐसे गांव जिनमें पानी भर गया है, वहां के लोगों को उसी गांव में शिफ्ट किया गया है।

बांटी जा रही राहत सामग्री: डॉ. महेंद्र सिंह

जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। मेडिकल टीम गठित की गई है। 37 मेडिकल टीम लगाई गई, इसके अलावा पीएचसी-सीएचसी के लोग लगे हुए हैं। दवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था और उन्हें रखने की व्यवस्था, दूसरे स्थान पर सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।