राहुल गांधी पर कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए दबाव बनाएंगे, मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया दावा

कांग्रेस पार्टी से गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा दे दिया। आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उनपर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि वह पिछले काफी समय से बीजेपी के पक्षधर हो गये थे। गुलाम ने कांग्रेस को अपनी राजनीतिक सफर का एक लंबा वक्त दिया हैं। आजाद ने उस वक्त तक पार्टी का साथ दिया जब वह लगातार चुनाव हार रही थी और कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता पार्टी छोड़कर भाग रहे थे। 2014 के चुनाव में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब हो गयी थी और तब से लेकर आजतक रोजाना खराब ही हो रही हैं। आजाद ने आरोप लगाया कि पार्टी में राहुल गांधी ने उन्हें साइडलाइन किया। कई वरिष्ठ नेताओं की बात को अनसुना किया गया। कांग्रेस के कई बड़े नेता नाराज हैं और सोनिया गांधी से वह इस बारे में कई बार चर्चा भी कर चुके हैं।

एक लंबी चर्चा के बाद सोनिया गांधी ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी कि थी लेकिन साल 2019 में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और एक बार फिर से सोनिया गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया था। अब पार्टी के निर्णय सोनिया गांधी लेती है लेकिन माना जा रहा है कि वह निर्णय राहुल गांधी के विचारों से ही प्रेरित रहते हैं। ऐसे में पार्टी के कुछ नाराज नेताओं का आरोप है कि राहुल गांधी अपने पक्ष के नेताओं की बात ही पार्टी में सुनते हैं और वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन करते हैं। अब आजाद के बाद माना जा रहा है कि कई और नाराज नेता पार्टी छोड़ सकते हैं।

इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वापसी के लिए प्रयास किया जाएगा, क्योंकि पार्टी में उनके अलावा कोई ऐसा नहीं है जिसकी अखिल भारतीय अपील हो। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पार्टी का नेतृत्व करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को पूरे देश में जाना जाना चाहिए और उसे कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर और पश्चिम बंगाल से गुजरात तक समर्थन प्राप्त होना चाहिए। खड़गे ने शुक्रवार को यहां कहा, ‘‘वह (कांग्रेस अध्यक्ष को) पूरी कांग्रेस पार्टी में जाना-पहचाना, स्वीकृत व्यक्ति होना चाहिए। ऐसा (इस तरह के कद के साथ पार्टी में) कोई नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पार्टी में शामिल होने और काम करने के लिए ‘‘विवश’’ किया था और राहुल गांधी से ‘‘सामने आने और लड़ने’’ का अनुरोध किया था।

खड़गे ने पूछा, ‘‘आप मुझे विकल्प बताएं। (राहुल गांधी के अलावा पार्टी में अन्य) कौन है?’’ इन खबरों पर कि राहुल गांधी पद संभालने को तैयार नहीं हैं, खड़गे ने कहा कि उनसे अनुरोध किया जाएगा और उन्हें ‘‘पार्टी की खातिर, देश की खातिर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने और देश को एकजुट बनाए रखने के लिए कार्यभार संभालने के लिए कहा जाएगा।’’ खड़गे ने पार्टी की आगामी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का भी जिक्र किया और कहा कि ‘जोड़ो भारत’ के लिए राहुल गांधी की जरूरत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम उनसे पूछेंगे, हम उन्हें मजबूर करेंगे और उनसे (कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में लौटने के लिए) अनुरोध करेंगे। हम उनके साथ खड़े हैं। हमें उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों के कार्यक्रम को मंजूरी देने के लिए पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) रविवार को एक डिजिटल बैठक करेगी। सीडब्ल्यूसी की बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी करेंगी। कई नेता राहुल गांधी को फिर से पार्टी प्रमुख बनने के लिए सार्वजनिक रूप से प्रोत्साहित कर रहे हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर अनिश्चितता और रहस्य बरकरार है। पार्टी के कई अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी अपने रुख पर कायम हैं कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष नहीं बनेंगे।

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2019 में संसदीय चुनावों में पार्टी के लगातार दूसरी हार का सामना करने के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी, जिन्होंने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में फिर से पार्टी की बागडोर संभाली, ने भी अगस्त 2020 में जी-23 नाम से जाने जाने वाले नेताओं के एक वर्ग द्वारा खुले विद्रोह के बाद पद छोड़ने की पेशकश की, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था।