मोदी सरकार में खूब फल-फूल रहा Wildlife, इतिहास में कभी नहीं हुआ ऐसा काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (आईबीसीए) का शुभारंभ करेंगे. IBCA दुनिया की सात प्रमुख बिग कैट्स के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने इस अलायंस की अपील 2019 में की थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने चार साल पहले ग्लोबल लीडर्स को बिग कैट्स का एशिया में अवैध शिकार और वन्यजीव व्यापार पर रोक लगाने के लिए एक गठबंधन बनाने की अपील की थी. मोदी सरकार द्वारा पर्यावरण के प्रति उठाए गए कदमों का देश में वन्यजीवों पर पॉजिटिव प्रभाव रहा है.

2014 के बाद से बढ़ी बिग कैट्स की आबादी

2014 से भारत में बिग कैट्स की आबादी में बढ़ोतरी हुई है. बाघों की आबादी 2014 में 2226 से 33% बढ़कर 2018 में 2967 हो गई. बाघों की आबादी के ताजा आंकड़े 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री द्वारा जारी किए जाएंगे. मजबूत संरक्षण प्रबंधन और मजबूत सुरक्षा का नतीजा रहा कि गुजरात में शेरों की आबादी में 29% की बढ़ोतरी हुई. यहां शेरों की आबादी 2015 में 523 की तुलना में 2020 में 674 हो गई है.

 63% बढ़ी तेंदुए की आबादी

देश में तेंदुए की आबादी में लगभग 63% बढ़ा है. तेंदुए की आबादी 2014 में 7910 से 2018 में 12,852 हो गई है. पीएम के विजन का ही नतीजा है कि देश में 2022 में बिग कैट चीता का पहला ट्रांसकॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन सफलतापूर्वक हासिल किया गया. प्रधानमंत्री ने खुद अपने हाथों से उन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था. यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जहां देश में 70 सालों से चीते का को नाम-निशान नहीं था.

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वन्यजीवों की आबादी बढ़ाने की कोशिश

सरकार की कोशिशों का एक पहलू संरक्षण कोशिशों के माध्यम से वन्यजीवों की आबादी पर पॉजिटिव प्रभाव डालना है. अवैध शिकार को समाप्त करने के लिए एक समानांतर मुद्दे पर सरकार ध्यान दे रही है. इसी का नतीजा था कि पिछले साल असम में गैंडों का शून्य शिकार दर्ज किया गया था.