क्या हैं राजस्थान सरकार द्वारा आधी रात में 8 मुस्लिमों की जमानत की सच्चाई?

राजस्थान के कई जिलों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया है, जहां पिछले कुछ दिनों में करौली, जोधपुर और भीलवाड़ा में हिंसा हुई। पुलिस-प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है। साथ ही सभी को अफवाह ना फैलाने की हिदायत दी गई। इस बीच एक मुस्लिम शख्स का ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसको लेकर राजस्थान सरकार पर सवाल उठाए जा रहे।

क्या है ट्वीट में? सोशल मीडिया पर ‘मुश्ताक अहमद’ नाम के यूजर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है। जिसमें लिखा है कि कल रात को 12 बजे कोर्ट खुला और मेरी, मेरे 3 बेटों, 1 भतीजे और 3 दामादों (कुल 8 लोग) की खड़े पैर जमानत करवाकर गाड़ी में घर तक पहुंचाने का शुक्रिया। अल्ला ताला ऐसा मुख्यमंत्री हर सूबे में दे, जो मुसलमानों का हर जगह साथ देता है। कांग्रेस जिंदाबाद। 5 मई के इस ट्वीट को तेजी से वायरल किया जा रहा है।

करौली हिंसा में आया था मुश्ताक का नाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदू नववर्ष पर करौली में हिंसा हुई थी। उसमें मतलूब अहमद और मुश्ताक अहमद का नाम सामने आया था। दावा किया जा रहा है कि ये उसी मुश्ताक का ट्वीट है, लेकिन जब हमने इसकी जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली।

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क्या है सच्चाई? स्क्रीनशॉट पर जो नाम दिया गया था, जब हमने उसे ट्विटर पर खोजा तो वो ट्विटर हैंडल ही नहीं मिला। इसके अलावा ट्वीट में लिखे शब्दों से जब असली ट्वीट को खोजने की कोशिश की गई, तो वो भी नहीं मिले। इसके बाद हमने इसे ट्विटर के दूसरे ट्वीट से मिलाया तो पता चला कि इसका डिजाइन अन्य ट्वीट के डिजाइन से अलग है। ऐसे में साफ है कि इसे फोटोशॉप से एडिट कर तैयार किया गया है। जोधपुर पुलिस ने इस खबर का खंडन किया। अगर आपके पास भी ऐसा कोई भ्रामक ट्वीट आता है, तो आप सकी जांच करके ही उसे आगे शेयर करें।