क्या है चंद्रयान-3: बाहुबली रॉकेट, जाने सभी चंद्र मिशनों का अवलोकन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। आपको बता दे, यह मिशन चंद्रयान-2 के बाद का अगला चरण है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना है। इसके लॉन्चिंग के लिए इसरो द्वारा विकसित ‘बाहुबली’ रॉकेट, यानि एलवीएम-3 (LVM3) का प्रयोग होगा। चंद्रयान-3 मिशन भारत का तीसरा चंद्र मिशन होगा, जबकि यह चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग का दूसरा प्रयास होगा। बता दे, अब तक, केवल तीन देशों ने अमेरिका, रूस और चीन ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाई है।

क्या है चंद्रयान-3 ?
आपको बता दे, चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का अगला चरण होगा, जिसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर शामिल होंगे। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना है। इसलिए, इस मिशन के लिए नए उपकरण और बेहतर एल्गोरिदम विकसित किए गए हैं, ताकि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की संभावना में सुधार किया जा सके। इस मिशन का फोकस चंद्रयान-2 मिशन के लैंडिंग के हुए असफलता के कारणों पर रखा गया है।

14 जुलाई होगी लॉन्चिंग
आपको बता दे, चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा केंद्र से होगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो चंद्रमा पर इसकी लैंडिंग 23 या 24 अगस्त तक अवश्य हो जाएगी। मिशन का लॉन्च वह भाग होगा, जिसे “डार्क साइड ऑफ मून” कहा जाता है, क्योंकि यह भाग पृथ्वी के सामने नहीं आता है।

एलवीएम-3 रॉकेट क्या है ?
आपको बता दे, चंद्रयान-3 मिशन को बाहुबली रॉकेट एलवीएम-3 के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। एलवीएम-3 भारत का एक प्रमुख रॉकेट है, जिसका वजन 130 हाथियों के बराबर है और ऊचाई कुतुब मीनार के आधी है। इसका वजन 642 टन है और ऊंचाई 43.5 मीटर है। एलवीएम-3 द्वारा चंद्रयान-3 के साथ लॉन्च के अलावा, चंद्रयान-3 मिशन में 3921 किलोग्राम वजनी उपग्रह लगभग 400,000 किलोमीटर का सफर तय करेगा।

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