अखिलेश यादव के बाद अब वरुण गांधी भी सारस और आरिफ दोस्ती पर हुए भावुक, सीएम योगी से की ये अपील

भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी सारस और आरिफ की कहानी को लेकर खासे भावुक दिख रहे हैं। वे आरिफ और सारस को मिलाने की बात कर रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से इस कार्य को पूरा कराने की अपील कर रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों आरिफ और सारस की मित्रता का मामला सामने आया। आरिफ ने सारस को पाला था। वन विभाग की टीम ने नियमों के मुताबिक, सारस को ले जाकर कानपुर जू में रख दिया है। इसके बाद आरिफ और सारस के उदास रहने के मामले को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जोरदार तरीके से उठाया। दो दिन पहले आरिफ ने सारस को आजाद कराने की मांग को लेकर सपा अध्यक्ष से मुलाकात भी की। अब इस मामले में वरुण गांधी की एंट्री हो गई है।

वरुण गांधी ने क्या कहा?

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें कानपुर जू में सारस से मिलने गए आरिफ को दिखाया गया। इस वीडियो में आरिफ को पास देखकर सारस की खुशी को दिखाया गया है। अपने केज में कैद सारस बाहर निकलने को फड़फड़ाता दिखता है। ट्वीट में वरुण गांधी ने कहा कि सारस और आरिफ की कहानी खास है। एक-दूसरे को सामने पाकर इन दोनों दोस्तों की खुशी बता रही है कि इनका प्रेम कितना निश्छल और पवित्र है। यह खूबसूरत जीव स्वच्छंद आकाश में उड़ने के लिए बना है, पिंजरे में रहने के लिए नहीं। सीएम योगी आदित्यनाथ से उन्होंने अपील की कि सारस को उसका आसमान, उसकी आजादी और उसका मित्र वापिस लौटा दीजिए।

वन्य जीवों का मामला उठाती रही हैं मां

वरुण गांधी की मां मेनका गांधी हमेशा वन्य जीवों के संरक्षण के लिए आवाज उठाती रही हैं। पीपल फॉर एनीमल संस्था की प्रमुख और सांसद मेनका गांधी का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण और जीवों की सुरक्षा एक जंग के समान है। इसमें हर किसी को भागीदारी निभानी चाहिए। पशु-पक्षियों को पालतू बनाने की जगह वे हमेशा उनके संरक्षित किए जाने पर जोर देती रही हैं। अब वरुण गांधी के इस बयान पर चर्चा शुरू हो गई है। सवाल यह किया जा रहा है कि क्या राज्य संरक्षित पक्षी को पालने का अधिकार किसी को दिया जा सकता है? इस मामले में वरुण गांधी की एंट्री ने राजनीतिक चर्चा को और गरमा दिया है।

क्या है पूरा मामला?

आरिफ और सारस की कहानी अलग ही है। दरअसल, अमेठी निवासी आरिफ को सारस घायल पड़ा मिला था। उसने सारस का इलाज कराया। जान बचाई। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई। यह दोस्ती चर्चा का विषय बनी। अमेठी गए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस अनोखी कहानी को जानकर मुलाकात के लिए पहुंचे। तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया। वन विभाग की टीम को सारस पाले जाने की जानकारी मिली तो उसने पक्षी को अपने कब्जे में ले लिया। दरअसल, सारस को राज्य पक्षी का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में कोई भी इसको पालतू बनाकर अपने पास कैद में नहीं रख सकता है।

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सारस को कैद में लेने और आरिफ पर केस दर्ज होने के बाद अखिलेश यादव समेत विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया। अखिलेश ने आरिफ से मुलाकात के कारण इस प्रकार का एक्शन होने की बात कही। सारस को पहले रायबरेली और फिर कानपुर जू में रखा गया। इस मामले की खासी चर्चा रही है।