उत्तराखंड का पहला पाम गार्डन तैयार

हल्द्वानी। हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला पाम गार्डन तैयार हो गया है। रविवार को मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) संजीव चतुर्वेदी और डीएसबी कैंपस के प्रोफेसर डॉ. ललित तिवारी ने इसका उद्घाटन किया। यह गार्डन रामपुर रोड स्थित वानिकी प्रशिक्षण अकादमी में तैयार किया गया है। यहां पाम प्रजातियों के संरक्षण और शोध के लिए 100 प्रजातियों को लगाया गया है। हल्द्वानी में साल 2018 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था। इसको पूरा होने में तीन साल का वक्त लगा।

पाम प्रजाति के पौधों से खजूर, सुपारी और तेल भी मिलता है। मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि टकील पाम ऐसी प्रजाति है जो कि पिथौरागढ़ और चकराता एरिया में ही मिलती है। हल्द्वानी के पाम गार्डन इस प्रजाति को भी तैयार किया गया है। इसके अलावा उन बीस प्रजाति को भी शामिल किया गया है जो कि संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल हैं। यह पाम गार्डन चार एकड़ एरिया में फैला है। इससे बड़े और ज्यादा प्रजाति वाले गार्डन हैदराबाद और केरल में है। लोगों को इनकी जरूरत और पर्यावरण संरक्षण में योगदान को बताने के लिए कविताओं का सहारा लिया गया है।

इसके लिए गार्डन में जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं। पाम गार्डन में तमिलनाडु, केरल के अलावा अन्य राज्यों से प्रजातियों को लाकर संरक्षित किया गया है। मैटालिक, सिंकटोक, जामिया, चाइनीज, सुपारी, यूरोपियन फैन, टिंगल, ग्रीन विचिया, बोतल, फोस्ट, ब्रोम, सिकटोप, फॉक्सटेल, वाइल्ड सागो, कारपेंटरिया, टैनेरा, कोकोनट, रेडनेक, गोल्डन केन, हाइडिकी, स्पिंडल, खासी, लेडी, जोमिया, नोलिना, टकील, वासिंगटोनिया, सागो, सागो कल्टीवेटेड, सोपामेटो, बुश, डेट और क्वीन लैंड आदि प्रजाति यहां तैयार हो चुकी है।