उत्तराखंड के देहरादून में स्मार्ट सिटी की योजना पर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह और शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच जमकर तीखी नोकझोंक हुई। इस मुद्दे पर विपक्ष को सत्ता पक्ष के विधायकों का भी सहयोग मिला। बीजेपी के विधायक विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा और विनोद कंडारी ने तमाम सवाल खड़े किए। इस पर मंत्री बोले, आज विपक्ष को हमारे साथियों का भी खूब सहयोग मिल रहा है।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने देहरादून स्मार्ट सिटी योजना के मुद्दे पर तमाम सवाल खड़े किया। उन्होंने सरकार से जवाब मांगा कि स्मार्ट सिटी में कितनी कार्यदायी संस्था काम कर रहीं और अब तक कितने रूपए खर्च किये गए हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और बीजेपी के विधायकों ने भी स्मार्ट सिटी के कार्यों पर तमाम सवाल खड़े किए। बता दे, अपने ही विधायकों के सवाल खड़ा करने पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, आज आपको (विपक्ष) हमारे साथियों ने खूब सहयोग दिया है। सदन में सवाल-जवाब के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, मैं आपके सभी सवालों का जवाब विस्तार से दूंगा, लेकिन संसदीय परंपरा के एक प्रश्न पर तीन अनुपूरक सवाल करने की रही है।
50 प्रतिशत की लागत राज्य सरकार देगी
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट हुए प्रीतम ने कहा, विधानसभा कार्य संचालन नियमावली में कहीं भी यह नियम नहीं है कि तीन ही अनुपूरक सवाल खड़े किये जाए। इस बात पर दोनों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद ने कहा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की योजना के लिए लगभग 1000 करोड़ की स्वीकृत हैं। जिसमें लगभग 50 प्रतिशत राशि केंद्र और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी। केंद्र से अभी तक 394.50 करोड़ रूपए की राशि मिला है।
इसके अलावा प्रदेश सरकार ने तकरीबन 241 करोड़ की राशि दिए हैं। 14 कार्यदायी संस्थाएं अपना काम ज़ोरों से कर रही है। अब तक 635 करोड़ रूपए की राशि खर्च हो चुके हैं। इस प्रोजेक्ट में अबतक 22 काम होने हैं। लगभग 16 काम पूरे हो चुके हैं जिसमें की स्मार्ट टॉयलेट, स्कूल, लाइब्रेरी, इलेक्ट्रिक बस, वाटर कूलर, वाटर एटीएम, राष्ट्रीय ध्वज लगाने का काम आदि शामिल हैं। वर्तमान में ड्रेनेज, सीवरेज, रोड, ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट पोल का काम जारी है। साल 2024 के जून महीने तक स्मार्ट सिटी का काम पूरा किया जाएगा।