उत्तराखंड: मंत्री ने अधिकारियों से पूछा, क्यों नहीं राज्य में आ रहे उद्योग

देहरादून। औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने सिडकुल की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पूछा कि,राज्य में उद्योग क्यों नहीं आ रहे हैं। इस दौरान मंत्री ने राज्य में निवेश को रोजगार से जोड़कर, उद्योग फ्रेंडली माहौल तैयार करने के ​अधिकारियों को निर्देश दिए।

शुक्रवार को आईटी पार्क स्थित सिडकुल कार्यालय में मंत्री गणेश जोशी सिडकुल की समीक्षा बैठक ली। सिडकुल के नवनियुक्त एमडी राहुल मीणा द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया। अधिकारियों द्वारा विभागीय मंत्री को बताया गया कि राज्य में अब तक हरिद्वार, पंतनगर, कोटद्वार, सेलाकुई, काशीपुर, सितारगंज तथा टिहरी में मदन नेगी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं।

जोशी ने सभी अधिकारियों से कहा कि  सीधी भाषा में बताएं कि राज्य में क्यों नहीं आ रहे हैं उद्योग? राज्य के औद्योगिक विकास के लिए जारी की गई औद्योगिक विकास स्कीम-2017 के बाद हुए बदलावों से राज्य में औद्योगिकीकरण को जो बढ़ावा मिला था उस मूवमेंटम को जारी रखने के लिए उद्योग फ्रेंडली महौल तैयार किया जाए।

उन्होंने कहा कि निवेश ऐसा हो जिससे रोजगार के अवसर श्रजित हों। इस बात को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की जाए।  सिडकुल कमाई करने के लिए नहीं, बल्कि रोजगार श्रृजित करने के लिए गठित किया गया। औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए यदि नीतियों के स्तर कोई परिवर्तन अपेक्षित हैं तो उनका बिना देरी के प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड के माध्यम से शासन को प्रेषित किए जाएं।

काबीना मंत्री ने उत्तराखंड राज्य एकीकृत औद्योगिक विकास निगम (सिडकुल) की आय के स्रोतों तथा देनदारियों की जानकारी ली तथा अधिकारियों को निर्देशित किया किया कि घाटे को न्यूनतम करते हुए उसके बाद लाभ की ओर ले जाने की कार्यशैली पर काम किया जाए। सिडकुल द्वारा लिए गए लोन की वजह से सलाना पैदा होने वाले ब्याज के भार को कम करने के लिए लोन के कुछ भाग का भुगतान बैंक को अतिशीघ्र किया जाना चाहिए। सेलाकुई में प्रस्तावित फार्मा सिटी-2 को चरितार्थ करने के लिए सिडकुल के स्तर से पहल लेकर कार्य किया जाए, ताकि रिजल्ट आ सकें।

उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति के लिए ऊर्जा विभाग से समन्वय कर उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता व्यवस्था समयबद्ध तरीके से की जाए। पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेट अप करने की प्रक्रिया तथा उसके चार्जेस की समीक्षा की जाए तथा चार्जेस को अन्य राज्यों के समतुल्य रखा जाए। राज्य में लकड़ी आधारित उद्योगों के लिए पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध है। इसलिए कुमाऊं तथा गढ़वाल मण्डल में एक- एक काष्ठ आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए।

समीक्षा बैठक में प्रबंध निदेशक रोहित मीणा (आईएएस), जीएम पीसी दुम्का, डीजीएम एनके कोरंगा, कम्पनी सेक्रेटरी राजीव झा, एजीएम राखी, प्लानर वाईएस पुण्डीर, सहायक प्रबंधक (आईटी) एलके मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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लकीर से हट कर सोचें अधिकारी

उद्योग मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आपके पास असीम संभावनाएं हैं। राज्य हित में प्रयोग करने के लिए लकीर से हट कर सोचें। नैनीताल की खूबसूरत वादियों में बसे पटवाडांगर क्षेत्र में फिल्म सिटी तथा संबंधित उद्यम विकसित करने के लिए प्रस्ताव बना कर शासन स्तर वार्ता करें। इसी प्रकार भीमताल स्थित भूमि में कॉकटेल उद्योग लगाने की दिशा में काम किया जाए। भीमताल क्षेत्र में लैंड यूज पॉलिसी में आंशिक बदलाव करके आईटी तथा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के कॉकटेल उद्यमों के अनूकूल बनाया जाए।

ये हैं राज्य में स्थापित सिडकुल

कोटद्वार – 10 एकड़।

हरिद्वार – 1695 एकड़।

सेलाकुई –  50 एकड़।

काशीपुर – 311 एकड़।

पंतनगर  – 3234 एकड़। 85,000 को रोजगार

सितारगंज – 1763 एकड़

मदन नेगी औद्योगिक क्षेत्र, टिहरी – 27.89 एकड़