उत्तराखंड : राज्यपाल गुरमीत सिंह ने नवनिर्मित पुस्तकालय और नई वेबसाइट का किया लोकार्पण, सीएम धामी भी रहे उपस्थित

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने 12 जुलाई को उत्तराखण्ड विधानसभा में एक सामारिक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने नवनिर्मित पुस्तकालय और नई वेबसाइट का उद्घाटन किया।

नवनिर्मित पुस्तकालय में हैं लगभग 20,000 से अधिक पुस्तकें
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित थे। नवनिर्मित पुस्तकालय में लगभग 20,000 से अधिक पुस्तकें हैं जो विभिन्न विषयों पर आधारित हैं, जैसे कि संविधान, कानून, लोक प्रशासन और सामान्य ज्ञान। इसके अलावा, यहां देश और विदेश के प्रमुख लेखकों की पुस्तकें भी हैं जो ई-लाइब्रेरी के रूप में डिजिटल और प्रिंट दोनों रूपों में उपलब्ध होंगी। राज्यपाल ने इस मौके पर अपनी ओर से भी 108 पुस्तकें देने की घोषणा की हैं। राज्यपाल ने पुस्तकालय और वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर कहा कि विधानसभा में माँ सरस्वती की मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए, क्योंकि पुस्तकें ही ज्ञान का प्रतीक होती हैं।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक आवश्यक
आधुनिक तकनीक के विकास ने अब एक बड़े स्तर पर शुरू हो दिया है और यह मानव की सेवा, देश की प्रगति और लोगों की भलाई के लिए हर क्षेत्र में लागू करना आवश्यक है। आजकल टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटाइजेशन, सोशल मीडिया और मास मीडिया के साथ जुड़ना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का अपनाना अनिवार्य है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार और साक्षरता में बड़ी प्रगति हुई है।

पुस्तकें नियमित रूप से अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नए निर्मित पुस्तकालय के लोकार्पण और नई वेबसाइट के बाद विधानसभा में एक ऐसा स्थान मिला है, जहां लोग संसदीय परंपराओं और महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय के माध्यम से सभी निर्वाचित सदस्य अपनी संसदीय समस्याओं के समाधान और सदन के आंतरिक कार्यवाहियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकें नियमित रूप से अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं और इनका महत्व हमारी उलझनों को सुलझाने में भी होता है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल, श्री सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, और सभापति पुस्तकालय समिति श्री शहजाद के साथ-साथ अन्य विधायक, अधिकारी, और कर्मचारी भी मौजूद थे।

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