देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के कथित पेपर लीक प्रकरण में मुकदमा दर्ज करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि पिछले माह हुए इस प्रकरण के संबंध में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इस संबंध में, उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, वी मुरुगेशन ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा इस मामले में अब तक की गयी जांच की रिपोर्ट तथा उससे जुड़े दस्तावेज सीबीआई को भेजे जा रहे हैं। राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती के लिए 21 सितंबर को हुई परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक केंद्र से एक प्रश्नपत्र के तीन पन्ने बाहर आने से हड़कंप मच गया था। इसके विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले अभ्यर्थियों ने जबरदस्त आंदोलन छेड़ दिया था जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी मांग मानते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी।
बाद में 11 अक्टूबर को इस परीक्षा को भी निरस्त कर दिया गया था। इस परीक्षा में विभिन्न सरकारी विभागों में 416 पदों के लिए एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रकरण के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए ज्षिकेश की पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था।
एसआईटी जांच में सामने आया कि परीक्षा में अभ्यर्थी के तौर पर शामिल हुए खालिद मलिक ने कथित तौर पर मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजी जिसने उनके उत्तर हासिल करने के लिए उन्हें टिहरी में तैनात एक सहायक प्रोफेसर सुमन को भेजा। सुमन ने प्रश्नों के स्क्रीन शॉट लेकर उसे एक अन्य व्यक्ति के साथ साझा किया जिसने पुलिस या आयोग को बताने की बजाय इन पन्नों को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जिससे वे वायरल हो गए। एसआईटी ने मामले में खालिद और साबिया को गिरफ्तार किया है। मामले में सहायक प्रोफेसर सुमन सहित चार अन्य लोगों को निलंबित भी किया गया है।
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