संसद के दोनों सदनों में ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट को लेकर हंगामा, दोपहर 2 बजे तक सदन स्थगित

कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई. वहीं, नियम 267 के तहत विभिन्न विपक्षी सदस्यों के कार्य स्थगन नोटिस अस्वीकार किए जाने के बाद शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा हुआ. कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बाद ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन ने कहा कि कांग्रेस ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट को लेकर जेपीसी बनाने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से भाग तो रही है मगर पीछे नहीं हटेंगे.

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस और 15 अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की जिसमें अडाणी समूह के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहने पर जोर दिया गया. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए.सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा और आरोपों की जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहने पर जोर दिया.

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों की मांग है कि पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा या फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो.इस विषय पर चर्चा कराने तथा इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई और एक एक बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की बैठक दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

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गौरतलब है कि अडानी एंटरप्राइजेज़ ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी.हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था.समझा जाता है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है.अडाणी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था.