जदयू में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश के सामने रखा था इस्तीफा देने का प्रस्ताव

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को अपनी पार्टी का जनता दल यूनाइटेड में विलय करने के बाद खुद के भी जदयू में शामिल होने की घोषणा की। नीतीश कुमार ने पहले गुलदस्ता देकर और फिर पार्टी की पट्टिका पहनाकर उपेंद्र कुशवाहा का स्वागत किया।

जदयू में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा

विलय से पहले रविवार को दोपहर एक बजे कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार मेरे बड़े भाई हैं और पार्टी में मेरी भूमिका को तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार व देश की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए रालोसपा के सभी समर्पित एवं साथियों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में घर वापसी का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सामाजिक न्याय एवं लोकसमतावादी विचारधाराओं के साथ लोगों का विकास हो, इसके लिए सदैव तत्पर और समर्पित रहेंगे।

उन्होंने कहा कि दो दिन की बैठक के बाद राज्य और देश की परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। सामान्य विचार धारा के लोगों के साथ एक मंच पर होना चाहिए। समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान और बराबरी पर लाने के लिए जदयू में पार्टी का विलय कर रहा हूं। कुशवाहा ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को और भी दुरुस्त किया जाएगा। तेजस्वी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष क्या कह रहे हैं, वही जाने। उनकी बुद्धि पर तरस आ रही है।

नौ साल बाद जदयू में हुई वापसी

जदयू से राज्यसभा सांसद बनने के बाद 2012 में उपेंद्र कुशवाहा ने एफडीआई बिल पर अलग वोट किया जिससे नीतीश कुमार नाराज हो गए थे। पार्टी में रहते हुए ही कुशवाहा ने नीतीश कुमार को तानाशाह तक कह डाला था। फिर राजगीर में हो रहे जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन की भरी सभा में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के सामने इस्तीफा देने का प्रस्ताव रख दिया था।