आज की शाम को भारत की 140 करोड़ जनता उत्सुकता से भरी हुई हैं क्योंकि आज शाम 6:04 बजे चाँद पर भारतीय चंद्रयान-3 उतरेगा। भारत इस मिशन में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बनने जा रहा है, जिससे दशकों पुराना सपना साकार हो जायेगा। इस महत्वपूर्ण पल से जुड़े कई सवाल हैं, जैसे कि लैंडर का मूड, हलचल, तापमान, और यान की गति क्या होगी ? चलिए, जानते इन सभी सवालों के जवाब।
चंद्रयान-3 का मिशन
आपको बता दे, इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने जा रहा है। मिशन चंद्रयान-2 की हुई विफलता से सीखकर चंद्रयान-3 को बेहद मजबूत बनाया गया है और यह 10.8 किमी प्रति घंटे की लैंडिंग वेलॉसिटी को पार कर सकता है।
चंद्रमा पर मौसम और तापमान
आपको बता दे, चंद्रमा की सतह पर वायुमंडल न होने के कारण यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराना मुश्किल हो सकता है। इसी के साथ लैंडर की रफ्तार को स्लो करना चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। तापमान चंद्रमा पर -203 डिग्री सेल्सियस से लेकर 54 डिग्री सेल्सियस तक अलग अलग हो सकता है। इसके अलावा, लैंडिंग के दौरान गर्म गैसों और धूल का प्रवाह उलटी दिशा में हो सकता है, जिससे यान को समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
अंतिम मोमेंट
बता दे, विक्रम लैंडर अंत में 4×2.5 किमी क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग करेगा जिससे यान के उतरने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन किया जा सके। चंद्रमा की सतह के करीब पहुंचने पर यान की स्पीड कम होगी और विक्रम के पैर सफलतापूर्वक बाहर आएंगे।
सफलता की कामना
आपको बता दे, इस मिशन की सफलता के बाद, रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और यह भारत के वैज्ञानिकों के लिए गर्व की बात होगी। यह मिशन भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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