यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान को बताया पृथ्वी पर भार के जैसा, हिन्दू शब्द पर कही ये बात

कंगाली से जूझते पाकिस्तान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करारा तंज कसा है। उन्होंने पड़ोसी मुल्क को पृथ्वी के लिए बोझ बताया है। जितनी जल्दी वह अपने आप को इंडिया में मिला ले, यह उसके लिए उतना ही बढ़िया रहेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अखंड भारत निर्माण ही सच है। बुधवार (15 फरवरी, 2023) को ये बातें उन्होंने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत के दौरान कहीं।

साक्षात्कार के दौरान पाकिस्तान के पस्त हालात पर वह बोले- पाक को लेकर श्री अरविंद ने साफ तौर पर ऐलान किया था कि आध्यात्मिक जगत में पड़ोसी मुल्क (पाकिस्तान) की कोई हकीकत नहीं है। जिसकी कोई वास्तविकता नहीं होता है, वह अगर इतने दिन भी गुजर-बसर कर जाए तो आप फिर गनीमत करिए। वह पृथ्वी पर भार (बोझ) बना रहेगा। वह भारत में जितनी जल्दी खुद को मिला ले…यह उसके लिए बढ़िया रहेगा।

हिंदू है सांस्कृतिक शब्दावली”, बोले सीएम आदित्यनाथ

इंटरव्यू के दौरान योगी से हिंदू राष्ट्र को लेकर भी सवाल दागा गया। पूछा गया कि इस पर आपकी क्या टिप्पणी है? उन्होंने कहा- देखिए, सबसे पहली बात तो यह है कि हिंदू राष्ट्र से हमारा मतलब क्या है…हिंदू कोई मत, मजहब और संप्रदाय नहीं है। यह एक सांस्कृतिक शब्दावली है, जो भारत के हर एक नागरिक के लिए फिट बैठती है।

हज करने जो बाहर जाते वे हाजी नहीं, हिंदू कहलाते”

वह आगे बोले- भारत का कोई व्यक्ति हज करने के लिए जाता है तब उसका संबोधन वहां उसका हिंदू का होता है। वहां वह हिंदू नाम से जाना जाता है। हज करने वाले को हाजी और इस्लाम के नाम से कोई नहीं जानता है। वहां तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती है। भारत का हर नागरिक हिंदू है और यह जाति, मत और मजहब सूचक शब्द नहीं है। यह हमारी सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है। अगर आप इसे इसे मत और मजहब से जोड़ रहे हैं, तब हम हिंदू को समझने की भूल कर रहे हैं।

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संविधान को लेकर दागे गए सवाल पर क्या बोले यूपी सीएम?

यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत सरकार का एक ही धर्म है और वह है संविधान? इस पर यूपी सीएम ने कहा- मैंने कहा कि अगर आप हिंदू को मत और मजहब से जोड़ रहे हैं, तब हम हिंदुओं को समझने की भूल कर रहे हैं। हम हिंदुओं को समझने की भूल कर रहे हैं। हमें दोनों चीजों को बहुत स्पष्ट करनी होंगी। जहां तक संविधान की बात है तो उसके लिए तो हर भारतीय के मन में सर्वोच्च सम्मान का भाव होना ही चाहिए।