उप्रः 2.41 लाख किसानों से 17.03 लाख मीट्रिक टन धान की हो चुकी है खरीद

प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत धान की खरीद प्रगतिमान है। गतवर्ष धान क्रय हेतु 4453 क्रय केन्द्र संचालित थे। इस वर्ष गतवर्ष से भी अधिक 4533 क्रय केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिन पर अब तक कुल 2.41 लाख किसानों से 17.03 लाख मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है। प्रदेश के जनपदों में क्रय केन्द्रों पर तेजी से धान की खरीद की जा रही है तथा दैनिक खरीद लगभग 01 लाख मी0टन हो रही है।

यह जानकारी प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने आज यहां देते हुए बताया कि पारदर्शी खरीद व्यवस्था तथा वास्तविक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ सुनिश्चित कराने हेतु प्रदेश में इस वर्ष पहली बार सभी क्रय केन्द्रों पर ई-पॉप डिवाइस (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट ऑफ परचेज) के माध्यम से किसानों का आधार प्रमाणीकरण/सत्यापन के उपरान्त धान की खरीद की जा रही है।

खाद्य आयुक्त ने बताया कि पारदर्शी व त्वरित भुगतान की व्यवस्था के अन्तर्गत इस वर्ष पहली बार किसानों को धान के मूल्य का भुगतान उनके आधारलिंक्ड बैंक खाते में पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से कराया जा रहा है। देय धान के मूल्य रू0 2825.13 करोड़ के सापेक्ष रू0 2057.30 करोड का भुगतान किया गया है, जो लगभग 73 प्रतिशत है। जबकि गतवर्ष इस अवधि तक किसानों को देय रू0 4997.10 करोड़ के सापेक्ष रू0 3439 करोड़ (68 प्रतिशत) का भुगतान किया गया था।

सौरभ बाबू ने बताया कि इस वर्ष धान बिक्री हेतु अब तक 9.57 लाख किसानों द्वारा अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया है, जिसमें से 6.91 लाख किसानों का ऑनलाइन सत्यापन पूर्ण करा लिया गया है, जो कि लगभग 73 प्रतिशत है। गतवर्ष इसी अवधि तक 10.66 लााख पंजीयन के सापेक्ष 6.35 लाख (लगभग 60 प्रतिशत) किसानों का सत्यापन हुआ था। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए 100 कुं0 तक धान की बिक्री की मात्रा को राजस्व विभाग के सत्यापन से छूट प्रदान की गयी है।

प्रदेश में गंगा किनारे शहरों से गिर रहे गंदे पानी पर राज्य सरकार को साइट प्लान पेश करने का निर्देश

खाद्य आयुक्त ने बताया कि किसान बिना टोकेन के भी किसी भी केन्द्र पर अपना धान विक्रय कर सकते हैं। इसके अलावा किसान भाई कृषि विभाग द्वारा जनपद में धान की निर्धारित प्रति हेक्टेयर औसत उपज का 150 प्रतिशत तक मात्रा का धान विक्रय कर सकते हैं।