बंगाल चुनाव से पहले खतरे में तृणमूल, पीके को लेकर उठ रहे बगावत के सुर

अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे करीब आ रही है, यहां की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें वैसे वैसे बढती जा रही है। अभी बीते दिनों तृणमूल को इस्तीफा देकर पार्टी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने झटका दिया था, तो वहीं अब पार्टी में एक बार फिर बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। दरअसल, यह बगावती सुर रणनीतिकार प्रशांत किशोर की वजह से उठ रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के इस विधायक ने पिके पर उठाई उंगली

मिली जानकारी के अनुसार, हावड़ा के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जटू लाहिड़ी ने प्रशांत किशोर का जमकर विरोध करते नजर आ रहे हैं। केवल इतना ही नहीं, इस विरोध के साथ ही उन्होंने पार्टी छोड़ने की धमकी भी दे डाली है। लाहिड़ी ने प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए कहा कि वह किराए पर पार्टी चलाने आए हैं और उनके आने से पार्टी को नुकसान पहुंचा है।

तृणमूल कांग्रेस के इस विधायक ने पार्टी में मची उथल-पुथल के लिए प्रशांत किशोर को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी मंत्री पद के मोह से बाहर निकलने में सक्षम थे। पार्टी में कई समस्याएं हैं। हम सभी इस बात से दुखी हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जो क्षमता है उससे ज्यादा राज्य में किसी की ज़रूरत नहीं है। लोगों ने उनपर विश्वास किया है कि वो उनके साथ खड़ी हैं, इसीलिए बाहर से किसी को लाने की ज़रूरत नहीं है। मेरी निजी धारणा है कि प्रशांत किशोर को लाने के बाद से हमारे दल की बहुत क्षति पहुंची है। विधायक लाहिड़ी का कहना है कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री के रूप में देखने के बाद वह पार्टी में आए। उनका मानना ​​है कि ममता बनर्जी को खुद ही पार्टी चलाना चाहिए।

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आपको बता दें कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाने का काम चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कर रहे हैं।