बंगाल चुनाव से पहले जांच एजेंसी के फेर में फंसी तृणमूल, टेंशन में ममता बनर्जी

कुछ ही महीनों बाद पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढती ही जा रही हैं। अभी बीते दिनों तक जहां ममता सरकार को लगातार अपने नेताओं द्वारा मिल रहे इस्तीफों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं, अब पार्टी पर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) का चाबुक चला है। दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तृणमूल सांसद केडी सिंह ED की जांच में फंसते नजर आ रहे हैं।

तृणमूल सांसद पर चला ED का चाबुक

मिली जानकारी के अनुसार, तृणमूल सांसद केडी सिंह ED के चंगुल में कसते नजर आ रहे हैं। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद केडी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी यह गिरफ्तार पूछताछ के बाद हुई है।

वर्ष 2014 में तृणमूल के टिकट पर राज्यसभा संसद तक पहुंचे तृणमूल सांसद केडी सिंह पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। इन्ही आरोपों के चलते ED तृणमूल सांसद से पूछताछ कर रही थी। बताया जा रहा है कि इसी पूछताछ के दौरान केडी सिंह कुछ लेनदेन की जानकारी देने में विफल रहे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ED की इस कार्रवाई ने तृणमूल प्रमुख और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए टेंशन जरूर पैदा कर दी होंगी। इसकी वजह यह है कि तृणमूल के नेताओं पर लग रहे इस तरह के आपराधिक आरोपों से पार्टी का वोटबैंक प्रभावित हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा फ़ायदा बीजेपी को मिल सकता है जिसे पश्चिम बंगाल चुनाव का मुख्य प्रतिद्वंदी माना जा रहा है।

आपको बता दें कि सितंबर 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने नई दिल्ली और चंडीगढ़ में केडी सिंह से जुड़े जगहों की तलाशी ली थी। इस दौरान करन दीप सिंह (केडी सिंह) से संबंधित और नियंत्रित अल्केमिस्ट ग्रुप की 14 कंपनियों के संबंध में तलाशी की गई थी।