तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा का तंज, ‘क्यों ना संसद परिसर से गांधी जी के प्रतिमा को ही हटा दिया जाए…’

अपने विवादों को लेकर चर्चा में रहने वाली तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। महुआ मोइत्रा ने असंसदीय शब्दों की सूची आने के बाद ट्वीट कर कहा कि क्यों ना संसद परिसर से गांधी जी के प्रतिमा को ही हटा दिया जाए और संविधान से आर्टिकल 19 (1) मिटा दिया जाए। इसके पहले महुआ मोइत्रा ने हाल में ही मां काली को लेकर अपनी टिप्पणी पर विवादों में आई थी।

संसद के मानसून सत्र से पहले जारी आदेशों को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है। कुछ दिन पहले संसद में सांसदों के द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने की बात कही गई थी। अब एक नए आदेश में आ गया है। आदेश में कहा गया है कि भवन परिसर का इस्तेमाल धरना प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोह के लिए नहीं किया जा सकता। इसको लेकर भी अब राजनीति शुरू हो गई है। हाल में ही मां काली को लेकर अपनी टिप्पणी पर विवादों में आई तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि क्यों ना संसद परिसर से गांधी जी के प्रतिमा को ही हटा दिया जाए और संविधान से आर्टिकल 19 (1) मिटा दिया जाए।

इससे पहले कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘विषगुरू का ताजा प्रहार…धरना मना है।’’ भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं किया जा सकता। राज्यसभा सचिवालय के बुलेटिन में यह बात कही गई है। धरना, प्रदर्शन को लेकर यह बुलेटिन ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था। मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी द्वारा जारी बुलेटिन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है।

लुलु मॉल विवाद मामले में अब कूदे अखिलेश यादव, ट्वीट कर कही ये बात

वहीं, एक दिन पहले ही, संसद में बहस आदि के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब असंसदीय माने जाएंगे। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें संदर्भ के आधार पर कार्यवाही से हटाया जाता है तथा सभी सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं।