तीरथ सरकार ने सौ दिन पूरे होने पर गिनाईं उपलब्धियां, कहीं ये बड़ी बातें

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को “सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन” विकास पुस्तिका का विमोचन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शपथ लेने के दिन से ही गांव से शहर तक की जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण ​निर्णय लेने के साथ आगे बढ़ रही है।

गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 55 पृ​ष्ठों की इस विकास पुस्तिका के माध्यम से सरकार के कार्यो के गिनाया है। पुस्तिका के विमोचन से पूर्व दो मिनट का मौन रख कर साल 2013 की केदारनाथ आपदा और कोरोना महामारी में प्राण गंवाने वाले लेागों को श्रद्धांजलि दी गई। विकास पुस्तिका में राज्य की जनता के नाम जारी संदेश में मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों की सोच के अनुरूप उत्तराखंड को आदर्श एवं विकसित राज्य बनाने में सहयोग की अपील की है। पत्रिका में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के 100 दिन के सफलतापूर्वक संघर्ष का जिक्र किया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने शपथ लेने के पहले दिन से ही जनता के हित में निर्णय लेने का साहस दिखाया है। उन्होंने बताया कि 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ दिन में वे स्वयं कोरोना संक्रमित हो गए। उसके बावजूद इस अवधि में भी उन्होंने अधिकारियों से वर्चुअल काम कर क्षेत्रों की समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया। साथ ही वर्चुअल चौपालों का आयोजन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गांव की मिट्टी से जुड़े हैं और ग्रामीणों व आम जन के दुख दर्द को भली भांति जानते हैं। गांवों की समस्याओं को देखते हुए विकास प्राधिकरण समाप्त कर राहत देने का काम किया है। शपथ के बाद जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर आई, उसमे सरकार ने जिलों और ब्लॉक तक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया है। अब तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार के पास पर्याप्त समय मिला है और हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले लगभग तीन माह में हमने आईसीयू बेड, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि की संख्या कई गुना तक बढ़ा दी। प्रत्येक जिले में अस्पताल में आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए। सीएससी तक भी आक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के निर्देशों पर डीआरडीओ ने ऋषिकेश में 500 बेड का कोरोना अस्पताल 14 दिन में तैयार कर दिया जबकि हल्द्वानी में 21 दिन में तैयार कर दिया। हमने राज्य में काफी तैयारी कर ली हैं। हम कोविड की तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोगों की आजीविका पर्यटन और तीर्थाटन से जुड़ी है। कोरोना के प्रभाव से पर्यटन व्यवसायियों को हुए नुकसान की भरपायी के लिए उन्हें 5 हजार रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। इससे लगभग 50 हजार पर्यटन उद्योग भी लाभान्वित होंगे। यही नहीं, पर्यटन सेक्टर से जुड़े  टूर ऑपरेटरों, एडवेंचर टूर ऑपरेटरों और राफ्टिंग गाइडों को भी 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। पर्यटन स्वरोजगार के लाभार्थियों को ब्याज में छूट के साथ ही लाइसेंस फीस को माफ करने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने 18-44 वर्ष वालों को निशुल्क टीकाकरण और गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 45 से अधिक उम्र वालों में लगभग 65 फीसदी का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। कोरोना को देखते हुए प्रदेश में हम विशेष खाद्यान्न सहायता दे रहे हैं। साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता था, जिसको बढ़ाकर बीस किलो प्रतिमाह कर दिया है। आपदा में पहली बार चीनी उपलब्ध कराई गई। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री और अनेक केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर राज्य के विकास पर विचार विमर्श किया। उन्हें राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति विशेष आस्था है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उत्तराखण्ड को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं रहेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिल्ली दौरे में हम पूरी तैयारी से गए। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से भेंट के दौरान मंत्रालयों के और राज्य के अधिकारी भी साथ बैठते थे। इससे मौके पर ही उत्तराखण्ड के हित में बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हर मंत्रालय ने कुछ न कुछ दिया ही है।

आईडीपीएल, ऋषिकेश को स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किए जाने की योजना को स्वीकृति दी गई है। दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन चलाने की सैद्धांतिक सहमति के साथ ही, टनकपुर-बागेश्वर और डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री के रेललाइन के सर्वे की भी सहमति दी गई है। हरिद्वार में हेलीपैड बनाने के लिए बीएचईएल द्वारा चार एकड़ भूमि राज्य सरकार को दिये जाने की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। कुमाऊं में एम्स के लिए भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।