मंगल-राहु के मिलन से होगी इन राशियों को हानि, बहुत ही अशुभ होता ये अंगारक योग

ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह माना जाता है। मंगल साहस, युद्ध, क्रोध और ऊर्जा आदि का कारक ग्रह माना जाता है। मंगल एक बहुत ही शक्तिशाली ग्रह है। इसलिए इसका शुभ और अशुभ होना व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह से ही मांगलिक दोष का निर्माण होता है। इस दोष को एक अशुभ योग के तौर पर देखा जाता है। यह दोष वैवाहिक संबंधी कार्यों के लिए बाधक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंगारक योग का निर्माण तब होता है जब राहु और मंगल ग्रह एक साथ आ जाते हैं और 19 साल के बाद 22 फरवरी 2021 को फिर से यही स्थिति बनने जा रही है। इस योग को अच्छा नहीं माना जाता है। वृषभ राशि में इस योग के निर्माण से देश दुनिया पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र में अंगारक योग को लड़ाई -झगड़े, विवाद, आक्रमक, हिंसक स्थितियों का कारक माना गया है।

अंगारक योग के प्रभाव ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार देश और दुनिया में कोई बड़ा अग्निकांड हो सकता है। यह अग्निकांड दक्षिणी-पूर्व में होने की संभावना है। अगर भारत के हिसाब से देखा जाए तो दक्षिण-पूर्व आन्ध्र प्रदेश में ऐसी कोई घटना घटित हो सकती है और इसकी सावधानी ही इसका बचाव है। मंगल रोग, ॠण, शत्रु का नाश करेंगे और बाजार में सुधार होगा। आंतकवाद का सफाया होगा और सामान्य जनमानस को पूरा लाभ मिल सकता है। भूकंप, बरसात, दुर्घटना और प्राकृतिक आपदा हो सकती है लेकिन यह सब जन शून्य स्थानों पर होने की संभावना है। देश में उथल-पुथल होने के योग बन सकते हैं। राजनीतिक क्षेत्र में अस्थिरता बनने की संभावना रहेगी। यान दुर्घटना बढ़ सकती है।

पूजा-पाठ और दान से मिलेगी राहत ज्योतिषविदों के अनुसार मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।

लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए।

तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए।

लाल कपड़ों का दान करें। मसूर की दाल का दान करें।

शहद खाकर घर से निकलें।

मंगल दोष को दूर करने के लिए प्रतिदिन या फिर मंगलवार के दिन विशेष रूप से बजरंग बली की साधना करें। हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।

बजरंग बली के पैर से सिंदूर लेकर अपने मस्तक पर टीका लगाएं। इस उपाय से मंगल का दुष्प्रभाव कम होगा। मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं।

यह भी पढ़ें: 22 फरवरी को मंगल करेंगे इस राशि में प्रवेश, 19 साल बाद बनेगा ये अंगारक योग

हनुमान जी की पूजा-आराधना करने से भी अंगारक दोष के प्रभाव मुक्ति मिलती है। मंगल और राहु से संबंधित चीजें दान करने से भी अंगारक दोष का निवारण होता है।

गन्ने के रस से शिवलिंग का रूद्राभिषेक करें।

काले कुत्ते को गुड़ या शक्कर से बनी मीठी रोटी खिलाएं।