पुरानी मान्यता है कि पेट सही तो सब सही…

लखनऊ। हमारी बीमारी का कारण है खराब पाचन। पुरानी मान्यता है कि पेट सही तो सब सही क्योंकि हमारे शरीर का पाचन तंत्र ही खाए गए भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है। पाचन क्रिया खराब होने पर भोजन पूरी तरह से पचता नहीं है जिसके कारण शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। ज्यादातर बीमारियों का जन्म पेट खराब होने के कारण ही होता है। चिंकित्सकों का मानना है कि अपच सभी तरह की बीमारियों को निमंत्रण देती है और शरीर में बहुत सी समस्याओं का कारण भी बनती है। जाहिर है कि आज की आधुनिक जीवनशैली में पाचन क्रिया प्रभावित होना आम समस्या बन गई है जिसका नतीजा स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के रूप में हमारे सामने आता है। 

बीमार पड़ने का मुख्य कारण हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना है। हमारे शरीर का पाचन तंत्र ही खाए गए भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है। पाचन क्रिया खराब होने पर भोजन पूरी तरह से पचता नहीं है जिसके कारण शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। इस कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भी क्षीण होती जाती है और शरीर को बीमारियों का घर बनते देर नहीं लगती।
पेट में दर्द, सूजन, अपच, जी मिचलाना, उल्टी आना, पेट के खराब होने के प्रमुख लक्षण हैं। वहीं पसीने और पैरों में से बदबू आना, मुंहासे, कई बार ब्रश करने के बाद भी सांसों से बदबू आना, अचानक बालों का झड़ना, नाखूनों का खराब होना या टूटने लगना भी पाचन क्रिया में खराबी आने के संकेत हैं। कब्ज या दस्त होना, पेट में ऐंठन, एसिडिटी, सीने में जलन, खाने के बाद पेट फूलना, हमेशा भारीपन रहना भी पेट में खराबी आने के लक्षण हैं।
क्यों होती है पाचन क्रिया प्रभावित:
पाचन क्रिया प्रभावित होने का प्रमुख कारण हमारी आधुनिक जीवनशैली है। जंक फूड, तला-भूना भोजन, कोल्ड ड्रिंक, चाय-कॉफी का अत्याधिक सेवन, देर रात को भोजन कर तुरंत सो जाना, रात में अधिक जागना, देर तक बैठ कर कार्य करना, शारीरिक व्यायाम न करना और पौष्टिक भोजन करने से परहेज करना शारीरिक पाचन क्रिया खराब होने के प्रमुख कारण हैं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार शरीर के तरल पदार्थ में एसिड होना बीमारी के लक्षण हैं। दूसरी ओर शरीर में एल्कलाइन होना एक स्वस्थ स्थिति दिखाता है। हमारी दिनचर्या कुछ ऐसी हो गई है कि रोज के खाने तरीके और उसकी गुणवत्ता की कमी तथा तनाव होने के कारण भी शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति को हमारा शरीर पहचान लेता है और शरीर में एल्कलाइन की मात्रा की दुरुस्त करने या एसिड की मात्रा को नियंत्रण करने की कोशिश करता है।

पाचन क्रिया खराब होने से होने वाली बीमारियां:
पाचन क्रिया प्रभावित होने पर हमारा शरीर भोजन को पूर्णतया पचा नहीं पाता जिसके कारण हमारे शरीर को आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स नहीं मिल पाते जिसके चलते शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर होने लगती है। पेट खराब होने से कब्ज की समस्या होना आम बात है जो लंबे समय तक कायम रहने पर बवासीर जैसे गंभीर रोग का कारण भी बन जाती है वही पर दस्त होने पर शरीर को भोजन का पोषण नहीं मिल पाता जिसके कारण शारीरिक कमजोरी आने लगती है। पाचन क्रिया प्रभावित होने से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) जैसा गंभीर रोग भी शरीर पर हावी होने लगता है। इस बीमारी में पेट में मौजूद एसिड वापस भोजन की नली में प्रवाहित होकर उसे नुकसान पहुंचाता है। लीवर में सूजन आना भी गंभीर है जो खराब पाचन शक्ति के कारण ही आती है।

कैसे रखें पाचन क्रिया को दुरुस्त:
पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए आहार, पाचन पद्धति तथा जीवनचर्या में बदलाव लाना बेहद महत्वपूर्ण है। जंक फूड, फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक, अल्कोहल, सिगरेट, तला-भुना या अधिक भोजन करने से परहेज करें। रात का भोजन सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले करें और भोजन करने के बाद टहलना शुरू करें। देर रात तक न जागें। अच्छी नींद अवश्य लें। अपनी दिनचर्या में शारीरिक व्यायाम को शामिल करें। खाने का समय निर्धारित करें। खाने में जल्दबाजी न करें और भोजन को अच्छी तरह से चबा कर खाएं। ठंडे पानी की बजाय गर्म पानी पीना पाचन शक्ति को बढ़ाता है। विटामिन सी युक्त आहार जैसे- ब्रोकोली, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।होम्योपैथी में है पेट का रामबाण उपचार:
पेट खराब होने पर अक्सर लोग दवाओं, इंजेक्शंस का सहारा लेते हैं। तत्काल राहत पहुंचाने वाला यह उपचार पेट को नुकसान पहुंचा सकता है।होम्योपैथी से उपचार करना अधिक बेहतर उपाय है। शरीर पर कोई दुष्प्रभाव न होने के कारण होम्योपैथिक दवाएं शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती है वहीं होम्योपैथी द्वारा उपचार से ही पेट की बीमारियों का जड़ से इलाज करना संभव होता है। सर्जरी की स्थिति में पहुंच गए मरीज भी होम्योपैथिक दवाओं और परहेज करने के बाद सही हो जाते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पाचन शक्ति को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक है। डॉ अनुरूद्व वर्मा, लाइफ लाइन होम्यो क्लिनिक, अग्रवाल प्लाजा, सी ब्लॉक, इंदिरा नगर, लखनऊ के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक 9415075558