भारतीय मार्शल आर्ट की परम्परागत शैली है ‘अजेय विद्या’

लखनऊ। भारतीय मार्शल आर्ट की परम्परागत शैली ‘अजेय विद्या’  अब लोगों को सीखने को मिलेगी। साउथ सिटी वॉरियर्स द एकेडमी ऑफ़ मार्शल आर्ट्स में एकेडमी के तत्त्वावधान में दिनांक 25, 26, 27 अक्टूबर को ‘निःशुल्क आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर’ का आयोजन किया जा रहा  है। जिसमें इसको सिखाया जाएगा। इसमें युवक-युवतियों दोनों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। शिविर ग़ैर आवासीय है।

मार्शल आर्ट

प्रशिक्षण कार्यक्रम अजेय गुरुकुलम् के संस्थापक एवं लखनऊ के सुप्रसिद्ध मार्शल आर्टिस्ट पं. धीरज मिश्र ‘शाण्डिल्य’ के निर्देशन में सम्पन्न होगा।

आत्मरक्षा के सिखाएं जाएंगे गुर

इस शिविर में प्रशिक्षुओं को आत्मरक्षा की परम्परागत भारतीय युद्ध विद्या ‘अजेय विद्या’ के माध्यम से उच्च स्तरीय आत्मरक्षा की तकनीकों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा।  ‘अजेय विद्या’ परम्परागत शैली की भारतीय मार्शल आर्ट है, जो दशसन्धि प्रहार विधा पर आधारित है। सनातन मर्म विद्या से समावेशित होने के कारण आत्मरक्षा की यह विधा लड़कियों के लिए विशेष तौर से उपयोगी सिद्ध है। शिविर संचालन में कोविड नियमों का पालन करते हुए किया जायेगा। यह जानकारी वॉरियर्स – द एकेडमी ऑफ़ मार्शल आर्ट्स की सूचना प्रभारी अपर्णा मिश्रा द्वारा दी गयी।