खुल गई ईसाई मिशनरी के धर्मांतरण के खेल की खोल, हिंदूवादी संगठनों ने लगाए गंभीर आरोप

अंधविश्वास के चक्कर में बिहार के गया के गांव में धर्म परिवर्तन का का बड़ा मामला सामने आया है। हिंदूवादी संगठनों के नेताओं का आरोप है कि ईसाई मिशनरी के द्वारा प्रलोभन देकर महादलित समाज के लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। विश्व हिंदू परिषद के कई नेताओं ने शुक्रवार को ईसाई धर्म अपनाने वालों से धर्म वापसी के लिये समझाया।जिले के टाउन ब्लाक के महादलित टोला दुबहल व बेलवाटांड़ के सैंकड़ो लोग धर्म परिवर्तन कर हिन्दू से ईसाई हो चुके हैं। लोगों ने अंधविश्वास के कारण भूत-प्रेत के भय से ईसाई धर्म अपनाने की बात कह रहे है। लेकिन धर्म परिवर्तन का यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है।

ईसाई मिशनरी पर हिंदूवादी संगठनों ने लगाए गंभीर आरोप

इस बात की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को हिंदूवादी संगठनों के लोग उक्त गांव पहुचें। हिंदुवादी संगठनों से जुड़े नेता और कार्यकर्ता लोगों को जागरूक करने की कोशिश की। दुबहल दलित टोला गांव में पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के सदस्य प्रेमनाथ टाईया ने कहा कि पैसे का प्रलोभन देकर मिशीनरी के लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। यह सिर्फ गया ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में किया जा रहा है। पैसे का लालच देकर दलित टोले के लोगों को ईसाई बनाया गया है। हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने आरोप लगाया है कि दलितों को बरगलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। ऐसे में धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए।

धर्मान्तरण की जानकारी मिलने पर विश्व हिंदू परिषद के कई लोग दलित टोला दुबहल एवं बेलवा टांड गांव शुक्रवार को पहुंचे और धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाने के लिए समझाने-बुझाने का प्रयास किया।

ईसाई धर्म अपना चुकी दलित टोला दुबहल निवासी सुगनी देवी एवं संजू देवी ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को भूत-प्रेत काफी तंग करते थे। जब से ईसाई धर्म अपनाया है, वे सभी चैन से है। घर के बाल बच्चों की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर से लेकर नीम-हकीम तक को दिखाया। लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। तब मिशीनरी के लोगों ने संपर्क किया और उनके द्वारा प्रभु यीशु से प्रार्थना की गई और उनके घर के बाल बच्चों की तबीयत ठीक हो गई। तभी से उन लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है।

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दोनों ने बताया कि सभी स्वेच्छा से ईसाई धर्म में शामिल हुए हैं। कहीं से किसी तरह का दबाव नहीं है।वहीं स्थानीय पंचायत के मुखिया पति बबलू सिंह का कहना है कि इस बात की जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने अपने स्तर से लोगों से बात किया तो पता चला कि काफी लंबे समय से ग्रामीण ईसाई धर्म अपनाते चले आ रहे है। किस वजह से ये लोग ईसाई धर्म अपनाया? इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों के द्वारा किसी तरह की मदद की मांग की जाती है तो वें सहयोग के लिए हमेशा तैयार है।