बंगाल: पांचवे चरण पर पड़ा कूचबिहार हिंसा का असर, चुनाव आयोग ने लिया बड़ा निर्णय

पश्चिम बंगाल में गत 10 अप्रैल को हुए चौथे चरण के मतदान के दौरान सुरक्षाबलों और आम लोगों के बीच हाथापाई के बाद फायरिंग में चार लोगों की मौत के बाद चुनाव आयोग पांचवें चरण को लेकर विशेष तौर पर सतर्क है। निर्णय लिया गया है कि पांचवें चरण में जिन 45 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है उसके बाहर 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू रहेगी ताकि मतदान केंद्र के आसपास किसी भी तरह का जमघट ना हो।

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जारी किया आदेश

चौथे चरण के चुनाव के दौरान कूचबिहार जिले के सीतलकुची में मतदान केंद्र के पास आपराधिक तत्वों ने लाठी-डंडे से हमले की कोशिश की थी जिसकी वजह से फायरिंग करनी पड़ी। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्र ने अपने पदभार संभालने के बाद गुरुवार को पहली बार पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) डॉ. आरिज आफताब, एडीजी कानून व्यवस्था जगमोहन, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे, सह अन्य आला अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उस दौरान पांचवें चरण की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पांचवें चरण के दौरान 11 अतिरिक्त पुलिस पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि पांचवें चरण के चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने गुरुवार को पोलिंग एजेंट की समस्या को लेकर एक निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार पोलिंग एजेंट को बूथ में जाने से पहले अपना वोटर कार्ड दिखाना होगा। चुनाव आयोग ने इस विषय में यह भी कहा है कि यदि पोलिंग एजेंट वोटर कार्ड दिखाने में असमर्थ हो तो रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिया गया एक पत्र दिखाना होगा, जिसमें पोलिंग एजेंट के उस विधानसभा क्षेत्र का मतदाता होने के साथ पार्ट नंबर व सीरियल नंबर के विषय में भी जानकारी होनी चाहिये।

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बता दें कि पिछले चार चरणों के चुनाव में लगातार चुनाव आयोग को पोलिं‍ग एजेंटों के बूथ में जाने से रोकने व उनके दस्तावेजों को लेकर शिकायतें मिल रही हैं।