नारद केस: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को दिया आदेश, ममता सरकार पर मंडरा रहा खतरा

सुप्रीम कोर्ट नारद केस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के मंत्री मोलॉय घटक की ओर से कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अलग-अलग याचिकाओं पर 25 जून को सुनवाई करेगा। साथ ही पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की एसआईटी जांच करने की मांग करने वाली याचिका पर भी उसी दिन सुनवाई होगी। सभी मामलों पर जस्टिस विनीत सरन की अध्यक्षता वाली बेंच एक साथ सुनवाई करेगी। जस्टिस विनीत सरन की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो 25 जून तक मामले की सुनवाई स्थगित करे।

सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार के खिलाफ दायर है याचिका

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार सुबह इस मामले पर सुनवाई से जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। उसके बाद इस मामले को जस्टिस विनीत सरन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष लिस्ट की गई। इसके पहले 18 जून को जस्टिस इंदिरा बनर्जी इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर चुकी हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने कहा कि हमने अभी फाइल नहीं देखी है। इस मामले पर 25 जून को सुनवाई करेंगे। तब पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील विकास सिंह ने कहा कि हा कोर्ट में कल यानी 23 जून को सुनवाई है, उस पर रोक लगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 23 या 24 जून को सुनवाई करे। तब कोर्ट ने कहा कि हम 25 जून को सुनवाई करेंगे। क्या उस दिन बहस पूरी हो जाएगी। इस पर सभी वकीलों ने हामी भरी। उसके बाद कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट से कहा कि वह 25 जून तक मामले की सुनवाई स्थगित कर दे।

मोलॉय घटक ने नारद केस में सीबीआई की ओर से दायर स्थानांतरण याचिका में उनके जवाबी हलफनामे को रिकार्ड पर नहीं लेने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है। घटक ने याचिका में कहा है कि मंत्री के अधिकारों को बंद नहीं किया जाना चाहिए, खासकर जब सीबीआई को विभिन्न चरणों में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी गई हो। घटक और पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के 9 जून के आदेश के खिलाफ दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की हैं।

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सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की एसआईटी जांच करने की मांग करने वाली याचिका दाखिल की गई है। हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के अलावा कई लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। पश्चिम बंगाल की  60 वर्षीय एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 4 मई की रात को उसके पोते के सामने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। याचिका में चुनाव बाद की हिंसा और बलात्कार की घटनाओं की एसआईटी से जांच की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि जिस तरह गोधरा कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था, उसी तरह पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा और बलात्कार की घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए। पश्चिम बंगाल में मतगणना के बाद दो भाजपा कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरेन अधिकारी की हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।