एक जुलाई से यूपी में चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान

मानसून के पहले आई बारिश ने गर्मी से तो राहत दे दी है लेकिन इसी के साथ मच्छर पनपने के मौसम की भी शुरुआत हो गई है। इसी सीजन में डेंगू, मलेरिया जैसे संचारी रोग पनपते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक जुलाई से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाने का फैसला किया है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। साथ ही 17 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। पूरे अभियान के दौरान आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बचाव के तरीके बताएंगी।

इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर जरूरी निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि हर साल की तरह इस बार भी यह अभियान 12 अन्य विभागों नगर विकास, पशुपालन, पंचायती राज, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, चिकित्सा शिक्षा, कृषि एवं सिंचाई विभाग, उद्यान एवं सूचना विभाग के सहयोग से चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग नोडल की भूमिका में रहेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए जिला और ब्लॉकस्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रथम पंक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि 17 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा जिसमें आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार के रोगियों, इंफ्लुएंजा लाइक बीमारियों के रोगियों, क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों, फाइलेरिया और कालाजार, कुष्ठ रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की सूची बनाएंगी और इन बीमारियों से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें, के बारे में बताएंगी। इसके अलावा वह दिमागी बुखार, वेक्टरजनित एवं जलजनित रोगों से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करेंगी। क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची भी बनाएंगी जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया है। आशा कार्यकर्ता उन घरों के प्रमुख स्थानों पर स्टीकर लगाएंगी जिन घरों में 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं या क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्ति हैं।

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इसके साथ ही संचारी रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालयों, ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी), मातृ समिति की बैठक में लोगों को जागरूक किया जाएगा। विद्यालयों में पोस्टर, वाद-विवाद प्रतियोगिता सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि आशा कार्यकर्ता लोगों को यह जानकारी जरूर दें कि बुखार होने पर खुद से कोई इलाज न करें। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर बुखार की जांच और इलाज कराएं।