सपा ने डिंपल यादव और जया बच्चन को चुनाव प्रचार में उतारने का फैसला लिया, ये है वजह

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) में चौथे चरण का मतदान बुधवार को संपन्न हो चुका है. इन चार चरणों में आधी आबादी ने जिस तरीके से घरों से निकलकर वोट किया है, उन रुझानों को देखते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल डिंपल यादव (Dimple Yadav) और जया बच्चन (Jaya Bachchan) को चुनाव मैदान में प्रचार के लिए उतारने का फैसला लिया है.

डिंपल यादव और जया बच्चन अपने चुनावी अभियान की शुरुआत उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विधानसभा क्षेत्र सिराथू से कर रही हैं, जहां केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल सपा से चुनाव लड़ रही हैं. सिराथू में बेटे और बहू की लड़ाई चल रही है. आपको बता दें कि केशव मौर्य खुद (Keshav Prasad Maurya) को सिराथू का बेटा बोलते हैं जबकि पल्लवी खुद को सिराथू की बहू बताती हैं. जया बच्चन की ससुराल भी प्रयागराज ही है. डिंपल 25 फरवरी को प्रयागराज की सिराथू, चायल और करारी में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगी.

 

 

पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहा महिलाओं का मतदान प्रतिशत

 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव यूं तो अभी तक पर्दे के पीछे से पार्टी के लिए काम कर रही थीं मगर जबसे भाजपा ने दूसरे प्रदेशों से महिला कार्यकर्ताओं को जमीन पर उतारा है तबसे सपा के रणनीतिकार भी इस बाबत सोचने को मजबूर हो गए. आपको बता दें कि जिन जगहों पर चुनाव हुए हैं वहां महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहा है. महिला कार्यकर्ताओं के प्रति आम जनमानस में वो नाराजगी भी नहीं दिख रही और लोग उनकी बातों को सुनते भी हैं. सपा की नजर उस खास लाभार्थी वोटर पर है जो उज्जवला गैस और कानून व्यवस्था के नाम पर भाजपा को वोट कर रहा है.

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2 मार्च को काशी आएंगी ममता बनर्जी

 

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2 मार्च को काशी आएंगी और 3 मार्च को समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचार के सिलसिले में रैली भी करेंगी. डिंपल यादव भी मंच पर ममता बनर्जी के साथ रहेंगी. ममता बनर्जी ने अपने लखनऊ दौरे के दौरान अखिलेश यादव से खासतौर पर डिंपल यादव को प्रचार में उतारने के लिए कहा था. ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश के चुनावों पर पैनी निगाह रखे हुए हैं क्योंकि वो जानती हैं कि बिना यूपी के कोई भी सियासी दल केंद्र में सरकार नहीं बना सकता.