स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों के लिये सपा प्रमुख जिम्मेदार : केशव प्रसाद मौर्य

प्राण-प्रतिष्ठा पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर तल्ख प्रतिक्रिया

लखनऊ। श्रीरामचरित मानस और सनातन धर्म के प्रति कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया है जिसकी उनकी अपनी पार्टी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने आलोचना की है।

सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब रामलला अयोध्या में हजारों साल से पूजे जा रहे हैं तो गत 22 जनवरी को अरबों-खरबों रुपए खर्च करके दोबारा प्राण प्रतिष्ठा करने की क्या जरूरत थी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में मौर्य के बयानों के लिये सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया।

केशव ने कहा कि सपा में अगर कोई कुछ बोलता है तो बिना पार्टी मुखिया के आदेश के नहीं बोल सकता, इसलिए किसी भी प्रकार के बयान के लिए मैं अखिलेश यादव को जिम्मेदार मानता हूं। सपा पर व्यंग्य करते हुये उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी 2024 में समाप्तवादी पार्टी बनने जा रही है और इसके लिये अखिलेश यादव ही जिम्मेदार होंगे।

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुये भाजपा नेता ने कहा कि अगर वह कार्रवाई नहीं करते हैं तो इस जहरीले बयान के लिए सपा प्रमुख ही जिम्मेदार हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले पर कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान बहुत ही दुखद है और जब पूरी दुनिया रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर उत्सव मना रही है, ऐसे में, इस तरह की बयानबाजी करने पर ईश्वर उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की सख्त निंदा करते हुये विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने कहा, कि जिस व्यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक ना हो, वह ऐसे ही बयान देता रहता है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने कई बार उन्हें इस तरह का बयान देने से मना किया है, लेकिन विक्षिप्त आदमी को जब निर्देशों को नहीं सुनना है, तो उसके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता।

पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने मौर्य के बयान पर संवाददाताओं से कहा, कि धर्म पर प्रपंच नहीं होना चाहिए, अमल होना चाहिए। भाजपा के इस आरोप पर कि स्वामी अखिलेश के कहने पर बयानबाजी कर रहे हैं, यादव ने कहा कि भाजपा तो हमेशा झूठ बोलती है।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मौर्य के बयान पर कहा कि किसी को भी किसी की धार्मिक आस्था को आहत करने का कोई अधिकार नहीं है, और स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। मौर्य ने प्राण प्रतिष्ठा के बारे में कहा था कि हजारों साल से राम की वहां (अयोध्या) पूजा होती आ रही है तो उसमें प्राण प्रतिष्ठा का प्रश्न कहां उठता है और जब रामलला वहां हजारों साल से पूजे जा रहे हैं तो अरबों-खरबों रुपए खर्च करके दोबारा प्राण प्रतिष्ठा करने का औचित्य क्या था। उन्होंने कहा था, कि रामलला पहले से ही छावनी में थे तो उन्हें ले जाकर मंदिर में स्थापित करना चाहिए था, प्राण प्रतिष्ठा कहां से आ गई।