असम: जबरदस्त गूंज के साथ चुनाव प्रचार में पसरा सन्नाटा, अब जनता की बारी

असम विधानसभा (विस) चुनाव के मद्देनजर मतदान से 48 घंटे पूर्व असम में पहले चरण का चुनाव प्रचार का शोर थम गया है। असम की 126 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में 27 मार्च, 01 अप्रैल और 06 अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव आयोग के अनुसार जारी दिशा निर्देश के तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 में अधिनियमित प्रावधानों में उल्लेखित निर्देशों के अनुसार चुनाव प्रचार पर यह रोक लगायी जाती है।

चुनाव प्रचार गुरूवार शाम छह बजे समाप्त

पहले चरण के तहत 47 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार गुरुवार की शाम 06 बजे समाप्त हो गया। अंतिम दिन मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल जहां अपने विधानसभा क्षेत्र माजुली में तीन जनसभाओं को संबोधित किया वहीं भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास, नेडा के संयोजक डॉ हिमंत विश्वशर्मा ने भी जमकर चुनाव प्रचार किया। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा, सांसद गौरव गोगोई, रकीबुल हुसैन, असम गण परिषद के अध्यक्ष अतुल बोरा, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत, असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई, समेत अन्य नेताओं ने भी धुआंधार प्रचार किया।

पहले चरण में जिन प्रमुख हस्तियों की किस्मत दांव पर लगी हैं, उसमें भाजपा के उम्मीदवार व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, नव कुमार दौले, प्रशांत कुमार फूकन, मंत्री रंजीत कुमार दत्त, विधानसभा अध्यक्ष हितेन गोस्वामी, मंत्री संजय किसान, पद्म हजारिका, अभिनेत्री अंगुरलता डेका, पूर्व मंत्री अजंता नेउग, भुपन पेगु, अगप के अध्यक्ष व मंत्री अतुल बोरा, अगप के कार्यकारी अध्यक्ष व मंत्री केशव महंत, कांग्रेस के विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया, पूर्व मंत्री रकीबुल हुसैन, रूपज्योति कुर्मी, एजेपी के लुरिनज्योति गोगोई, राइजर दल के अखिल गोगोई समेत अन्य हाईप्रोफाइल नेता शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि असम में सामान्य मतदाताओं की संख्या 23186362, सर्विस मतदाता 62134, ओवरसीज इलेक्टर्स 11 समेत कुल मतदाताओं की संख्या 2,32,44,454 है। पहले चरण में 27 मार्च को 47 विधानसभा क्षेत्रों के 11537 पोलिंग स्टेशनों पर 8007043 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिसमें 4033235 पुरुष, महिला 3973690 महिला तथा ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 118 है।

चुनाव आयोग के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस आदि में शामिल नहीं हो पाएगा है, और न ही किसी को बुला सकता है। न ही टेलीविजन और इसी तरह के अन्य माध्यमों के द्वारा चुनाव प्रचार कर सकता है। 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी भी मतदान क्षेत्र में जनता को आकर्षित करने के लिए संगीत कार्यक्रम, किसी भी तरह के प्रदर्शन या मनोरंजन, जिससे मतदाता आकर्षित हों, ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जा सकते हैं।

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इस अवधि के दौरान रिजल्ट से संबंधित किसी भी एग्जिट या ओपिनियन पोल का नतीजा किसी भी समय प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या किसी अन्य मीडिया द्वारा किसी भी तरीके से प्रकाशित, प्रचारित या प्रसारित नहीं किया जा सकता है। यह प्रतिबंध पहले चरण, या कई चरणों में और सभी राज्यों में जहां ईसीआई अधिसूचित चुनाव एक साथ संपन्न हुआ है, में मतदान होने तक जारी रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले को दो साल का कारावास या जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान एक साथ हो सकता है।