मथुरा के संत समागम को मिली हरी झंडी, सरकार ने अधिकारियों को दिया सख्त आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में वृंदावन (मथुरा) में संत समागम की तैयारी के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आहूत की गई। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि वृंदावन (मथुरा) संत समागम में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार असुविधा नहीं होनी चाहिये। श्रद्धालुओं तथा आम जन को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये बेहतर ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाये। समागम के दौरान स्वच्छता एवं सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये।

संत समागम के लिए मुख्य सचिव ने दिया यह आदेश

मुख्य सचिव ने कहा कि समागम हेतु जिन स्वीकृत कार्यों की निविदा की कार्यवाही अवशेष है, उन्हें प्राथमिकता पर पूर्ण कर कार्य प्रारम्भ कराया जाये। मंडलायुक्त आगरा द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर समय से समस्त कार्यों को पूर्ण कराने हेतु नियमित अनुश्रवण किया जाये। उन्होंने कहा कि आयोजन में कोरोना प्रोटोकाल एवं इस सम्बन्ध में निर्गत एडवाइजरी एवं निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।

इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि प्रत्येक हरिद्वार कुम्भ से पूर्व वृन्दावन में वैष्णव सन्तों की एक बैठक परम्परागत रूप से होती है, जिसे वृन्दावन कुम्भ बैठक कहा जाता है। यह आयोजन वृन्दावन परिक्रमा मार्ग तथा यमुना नदी के मध्य भू-भाग पर होता है। इस वर्ष यह आयोजन 16 फरवरी, 2021 से 28 मार्च, 2021 तक किया जाना प्रस्तावित है। इस अयोजन हेतु लगभग 56 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है।

संत समागम हेतु की जा रही तैयारियों का प्रस्तुतीकरण करते हुये बताया गया कि समागम के दौरान नगर निगम द्वारा साफ-सफाई हेतु 750 सफाई कर्मचारियों को 03 पालियों में तैनात किये जाने हेतु तथा अस्थाई सार्वजनिक शौचालय, मूत्रालय व स्नानागार के निर्माण हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलित है। प्रकाश व्यवस्था हेतु 300 एलईडी लाईट लगाने के कार्यादेश निर्गत किया जा रहा है तथा जल निकासी एवं अतिरिक्त व्यवस्थायें इत्यादि का कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।

इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग द्वारा जंगल क्लीनिंग व समतलीकरण का कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। विभाग द्वारा 332.60 लाख रुपये में मेला परिसर हेतु लिंक मार्ग के रूप में 04 सड़कों (लगभग 8.010 किमी लम्बाई) का सुदृढ़ीकरण में से 03 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 01 अवशेष कार्य आगामी 20 जनवरी तक पूर्ण कर लिया जायेगा। पर्यटन विभाग द्वारा श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित थीम पर 08 प्रवेश द्वारों का निर्माण किया जायेगा, जिसके लिये निविदा की कार्यवाही प्रचलित है।

संस्कृति विभाग द्वारा सांस्कृतिक मंचों पर प्रतिदिन 03 टीमों द्वारा शास्त्रीय-उप शास्त्रीय कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है। कृष्ण एवं ब्रज संस्कृति तथा हरिद्वार कुम्भ पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन तथा कुम्भ गाथा प्रदर्शनी-उज्जैन, नासिक, प्रयागराज व हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ मेलों से सम्बन्धित ऐतिहासिक अभिलेखों की प्रदर्शनी व पुस्तक का प्रकाशन किया जायेगा। 13 रासलीला दलों व स्थानीय कलाकारों द्वारा रास लीला की प्रस्तुतियां एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

चिकित्सा विभाग द्वारा मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु नियंत्रण कक्ष/मुख्य अस्पताल मेला क्षेत्र से लगभग 02 कि0मी0 की दूरी पर स्थित सौ-शैय्या संयुक्त चिकित्सालय वृन्दावन को नामित किया गया है। विभाग द्वारा चिकित्सीय सुविधा प्रदान किये जाने हेतु 20 चिकित्साधिकारी, 18 फार्मासिस्ट, 04 महिला चिकित्साधिकारी, 16 मलेरिया वर्कर, 10 लैब टेक्नीशियन/सहायक, 24 वार्ड बाॅय, 24 स्टाफ नर्स व 30 स्वीपरों को 12 फरवरी, 2021 तक उपलब्ध करा दिया जायेगा। मेले में कोविड-19 एन्टीजन टेस्टिंग कैम्प की व्यवस्था की जायेगी तथा लक्षणयुक्त व्यक्तियों के कोविड-19 आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जायेगा।

मेला क्षेत्र में पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था हेतु क्षेत्र को 02 जोन एवं 07 सेक्टरों में बांटा गया है। पुलिस प्रबन्धन में थाना, चैकी, कंट्रोल रूम, ट्रैफिक व्यवस्था, अग्निशमन व्यवस्था व प्रशासनिक कार्यालयों हेतु मेला क्षेत्र में भूमि का चयन कर लिया गया है। सुव्यवस्थित वाहनों की पार्किंग हेतु कुल 17 पार्किंग स्थल चयनित किये गये हैं।

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मेले में सम्भावित विद्युत लोड के अनुसार, विद्युत विभाग द्वारा 05 अदद् 11/0.4 के0वी0 250 केवीए क्षमता के परिवर्तक स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। विद्युत विभाग द्वारा समस्त कार्य 10 फरवरी, 2021 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। आयोजन स्थल तक आने जाने की व्यवस्था हेतु परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त बसों का संचालन किया जायेगा।

बैठक में पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी एवं वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्त आगरा एवं जिलाधिकारी, मथुरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।