शुभेंदु अधिकारी के फैसले से चकनाचूर हुए ममता के सारे अरमान, दिया बड़ा झटका

पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता पर आसीन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चौतरफा घिरती नजर आ रही हैं। एक तरफ जहां बीजेपी लगातार ममता के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किये हुए हैं। वहीं, उन्हें तृणमूल कांग्रेस में उठ रहे बगावत का भी सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में अब हाल ही में तृणमूल सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी ने भी ममता को करारा झटका दिया है।

शुभेंदु अधिकारी ने सौगत रॉय को मैसेज कर बताई ये बात

दरअसल, शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जिसे उन्होंने शुभेंदु की पार्टी में वापसी को लेकर जिंदा किया था। शुभेंदु ने ममता को झटका देते हुए साफ़ कर दिया है कि एक साथ काम करना असंभव है। उन्होंने यह बात अपने पुराने साथी और ममता सरकार के मंत्री सौगत रॉय को मोबाइल मैसेज कर दिया।

इस बात का खुलासा उत्तरी कोलकाता में करीब दो घंटे तक चली तृणमूल कांग्रेस की बैठक के बाद हुआ। बैठक के बाद सौगत रॉय ने ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि  बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। सभी समस्याओं को सुलझा लिया गया है। मुद्दों को सुलझाने के लिए आमने-सामने बातचीत किए जाने की आवश्यकता थी इसलिए ऐसा किया गया। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय भी मौजूद रहे।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका देते हुए शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल सरकार में अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार में परिवहन मंत्री के पद पर बने हुए थे। अभी बीते दिनों तृणमूल के दिग्गज नेता अभिषेक बनर्जी और रणनीतिकार प्रशांत किशोर से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात के बाद बनर्जी ने कहा था कि तृणमूल में मचा भीतरी संग्राम शांत हो गया

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नंदीग्राम आंदोलन के सूत्रधार शुभेंदु राज्य की 65 सीटों पर असर रखते है। ऐसे में उनके मंत्री पद से इस्तीफा देना ममता बनर्जी के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर सकता है। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी 2007 में पूर्वी मिदनापुर से लेकर नंदीग्राम में एक इंडोनेशियाई रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के अगुआ थे।