कोटा शहर में छात्रों के आत्महत्या का सिलसिला दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस साल के अब तक कुल 22 छात्रों ने आत्महत्या की है। इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कोटा जिला कलेक्टर ने कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए आयोजित होने वाले परीक्षाओं और टेस्टों पर अगले दो महीने के लिए रोक लगा दी है। इसका निर्णय छात्रों की मानसिक स्थिति और सुरक्षा को ध्यान में रख कर लिया गया है।
कोटा पुलिस के ASP भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि इस चिंताजनक परिस्थिति में रविवार को एक छात्र ने टेस्ट सीरीज में कम अंक प्राप्त करने के बाद आत्महत्या कर ली। उनके अनुसार, इस छात्र ने कोटा के एक कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। इसके साथ ही, दूसरे छात्र ने रात को अपने कमरे में फांसी पर लटक कर जान ले ली। बता दे, दूसरे छात्र का नाम आदर्श था, जो बिहार के रोहतास जिले से था। उसने कुछ महीने पहले ही कोटा में आकर नीट(NEET) की तैयारी शुरू की थी। छात्रों के पढाई के प्रेशर के चलते उनके मानसिक स्थिति ख़राब होने से परीक्षा में भी अच्छे अंक नहीं आ रहे थे।
कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने इस स्थिति को देखते हुए कोचिंग संस्थानों को दो महीने तक छात्रों के लिए कोई भी टेस्ट आयोजित ना कराने का आदेश दिया है। उन्होंने यह निर्णय छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रख कर लिया है। इसके परिणामस्वरूप, कोटा के छात्रों को अब दो महीने तक किसी भी प्रकार की परीक्षा या टेस्ट में शामिल होने की आवश्यकता नहीं है। इस निर्णय से छात्रों को और उनके परिवारों को राहत मिलेगी और उनका मानसिक स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा।
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