राजस्थान विधानसभा में आज दिनांक 2 अगस्त, बुधवार को पांच विधेयक पेश किए जाएंगे। इस मौके पर हंगामे के आसार हैं क्योंकि कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा और भाजपा विधायक मदन दिलावर को निलंबन किया जा सकता है। अगर सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलेगी, तो ही सत्र आगे बढ़ सकेगा। आपको बता दे, पांच विधेयकों में से एक है “नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक”, दूसरा “राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक”, तीसरा “महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक”, चौथा “राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक”, और पांचवा “राजस्थान काश्तकारी संशोधन विधेयक”। सरकार इन विधेयकों को जल्द से जल्द सदन से पास करवाने की तैयारी कर रही है।
“राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक” के पास होने के बाद एक नया कानून बनकर तैयार हो जाएगा। इस आयोग के गठन से किसानों को किसी भी कारण से फसल बर्बाद होने पर उनके ऊपर लोन वसूली का दबाव नहीं बना सकेगा। किसान अपनी फसल या माली हालत खराब होने की स्थिति में इस आयोग में आवेदन करके कर्ज माफी की उम्मीद से मांग कर पाएंगे।
यह आयोग किसानों की जमीन को बैंक या वित्तीय संस्थान कुर्क या नीलाम नहीं करने की शक्तियों से लैस होगा। इसमें सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस, जिला व सत्र न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, बैंकिंग क्षेत्र में काम कर चुके अधिकारी और एक कृषि निर्यातकों को भी सदस्य बनाया जाएगा। सहकारी समितियों के अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी इसमें सदस्य सचिव होंगे। आयोग के कार्यकाल की अवधि तीन वर्ष की होगी।
आपको बता दे, इस आयोग के पास सिविल कोर्ट के बराबर शक्तियां होंगी। यदि किसान की स्थिति संकटग्रस्त होती है, तो बैंक उसके ऊपर जबरन कर्ज की वसूली नहीं कर सकेगा। आयोग कर्ज माफी की भी घोषणा कर सकेगा और उसके फैसले को सिविल न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। आयोग किसी भी अधिकारी या व्यक्ति को तलब करने की भी शक्ति रखेगा। बता दे, यह विधेयक चुनावों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे किसानों को सही दिशा में आगे बढ़ने का और उनकी समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद है। राजस्थान सरकार की यह पहल किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक अच्छा कदम है।
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