भारत छोड़ो आंदोलन ने ठोकी अंग्रेजी हुकूमत के ताबूत में आखिरी कील: अलका

देवरिया। आचार्य व्यास मिश्र स्मृति देवरिया महोत्सव समिति द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन के 80 वर्ष पूरे होंने पर नगर पालिका परिषद देवरिया के परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा पर समिति सदस्यों ने माल्यार्पण और पुष्पांजलि करके देश की आजादी में योगदान देने वाले अमर सपूतो को याद किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अलका सिंह ने कहा कि आज का दिन हर भारतवासी के लिये गौरव का दिन है, आज ही के दिन 8 अगस्त, 1942 को मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में देश की आजादी में योगदान देने वाले नेताओं ने एक बैठक बुलाई। इसी बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए ये जरूरी हो गया है कि ब्रिटिश शासन को भारत से उखाड़ फेंका जाए।

महात्मा गांधी जी ने इसी सभा में करो या मरो का नारा दिया। ये नारा हर भारतीय की जुबान पर छा गया। आज ही के दिन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई और इस आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत के ताबूत में आखिरी कील ठोकी। समिति अध्यक्ष पवन कुमार मिश्र ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन’ के शुरू होने से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गयी और इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को भारत की आजादी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था। इसलिए इस आंदोलन को “भारत की आजादी का अंतिम महान प्रयास” भी कहा जाता है।
इसका परिणाम हुआ की 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। समिति सदस्य श्रीमती सिमा जायसवाल ने भारत की आजादी के अमर सपूतो को याद करते हुए कहा कि देश की आजादी में योगदान देने वाले अमर शहीदों को सदैव याद किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन समिति के संस्थापक सदस्य रमाशंकर तिवारी जी ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से भाजपा मीडिया सम्पर्क प्रमुख अम्बिकेश पाण्डेय, आभा श्रीवास्तव , पवन कुमार मिश्र, अनुराधा गुप्ता, श्रीमती सिमा जायसवाल, विजेंद्र सिंह चौहान, रमाशंकर तिवारी उपस्थित रहे।