प्रधानमंत्री का गतिशक्ति अभियान नवरात्र में शक्ति के अनुष्ठान का व्यावहारिक रूप : योगी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया और कहा कि गतिशक्ति अभियान नवरात्र में शक्ति के अनुष्ठान का व्यवहारिक रुप है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुर्गाष्टमी है। पूरे देश में आज शक्ति स्वरूपा देवी का पूजन किया जा रहा है। शक्ति उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह समय भारत की आजादी के 75 वर्ष का है। आजादी के अमृत काल का है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को और आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है। यह नेशनल मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा। अगली पीढ़ी के इन्फ्रास्ट्रक्चर और मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को इस राष्ट्रीय योजना से गति प्राप्त होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ के माध्यम से सभी प्रोजेक्ट अपने निर्धारित समय पर पूरे होंगे, जिससे टैक्स का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा।

इससे पूर्व उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कर कमलों से ‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ का आज शुभारम्भ हो रहा है। इस अभियान का शुभारम्भ हम सभी को प्रोत्साहित करने वाला है। गतिशक्ति अभियान शारदीय नवरात्र में शक्ति के अनुष्ठान के व्यावहारिक रूप में सामने आ रहा है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के एक नये युग की शुरुआत हो रही है। देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश की गतिशक्ति अभियान में महती भूमिका होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट के लिये पहले ही अपनी कार्ययोजना प्रारम्भ कर चुकी है। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में बहुत सारे प्रोजेक्ट कार्यान्वित हैं। स्वाभाविक रूप से यह आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति योजना एक सुदृढ़ भारत के निर्माण के लिये सुशासन के आदर्श पहल के रूप में जानी जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत बेहतर समन्वय के माध्यम से किसी भी परियोजना के नियोजन त्वरित स्वीकृति व निर्णय लेने के लिये सिंगल विंडो का प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का एक सशक्त माध्यम बनने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से भारत का लक्ष्य निर्बाध मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी, संसाधनों का इष्टतम उपयोग, ससमय नवीन क्षमताओं का निर्माण तथा बाधाओं के शीघ्र समाधान के साथ समग्र बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उन्होंने कहा कि 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश की इस महायोजना के अन्तर्गत युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों का सृजन होगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आयेगा। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आयेगी तथा सम्पूर्ण देश में आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में अपनी प्रमुख भूमिका का निर्वहन करेगी। योगी ने कहा कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का ग्रेटर नोएडा के दादरी में जंक्शन है। इससे उत्तर प्रदेश को अद्वितीय लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने की ढेर सारी सम्भावनाएं हैं। यह कॉरिडोर प्रमुख निर्यात केन्द्रों, जैसे गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मेरठ, बुलन्दशहर, कानपुर, इटावा, कन्नौज, दीनदयाल नगर, प्रयागराज आदि प्रमुख निर्यात केन्द्रों को अन्तिम मील का रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।

योगी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा दिल्ली मेरठ लिंक एक्सप्रेस-वे के बाद वर्तमान सरकार 341 किमी लम्बा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे विकसित कर रही है, जो लगभग 98 प्रशित पूर्ण हो चुका है। यह प्रदेश की राजधानी लखनऊ को गाजीपुर होते हुए वाराणसी को जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वेज में से एक लगभग 600 किमी लम्बा गंगा एक्सप्रेस-वे का कार्य भी प्रारम्भ हो गया है। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़ बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज में आस-पास के प्रमुख निर्यात केन्द्रों को जोड़ेगा। इस परियोजना हेतु लगभग 93 प्रतिशत भूमि प्राप्त की जा चुकी है।

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उप्र में विकसित हो रहे हवाई अड्डों, विद्युत संयंत्रों और औद्योगिक विकास की अनेक परियोजनाओं की भी चर्चा की। कार्यक्रम में प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, औद्योगिक विकास राज्यमंत्री धर्मवीर सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।