हनुमान मंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठे लोग, मुस्लिम पक्ष बता रहा मस्जिद की जमीन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर क्षेत्र में फैजाबाद रोड पर स्थित लेखराज मार्केट में दो वर्ष पूर्व एक विवाद में सामने आयी जमीन पर हनुमान प्रतिमा की स्थापना कर पूजा पाठ करने वाले पुजारी सत्यप्रकाश और स्थानीय श्रद्धालु लगातार आमरण अनशन कर रहे हैं। हनुमान प्रतिमा वाले स्थान पर मंदिर निर्माण की मांग करने लोगों ने आमरण अनशन जारी रखने के संकेत दे दिये हैं।

हनुमान मंदिर की मांग को लेकर अड़े लोग

विवादित जमीन पर शुरु हुये विवाद में सबसे पहले मुस्लिम पक्ष के लोगों ने इसे दरगाह की जमीन बतायी थी और इसके बाद कुछ लोगों ने इसे नटवीर बाबा की समाधि स्थल बताते हुये अपना कब्जा बताया था। इसी दौरान वक्फ बोर्ड ने जमीन पर वक्फ नम्बर 454 दर्ज बताते हुये इसे मस्जिद की जमीन बतायी थी। दो वर्ष पुराने विवाद के बाद पीएसी ने वहां कड़ा पहरा लगाया था। इस दौरान दो बार हिन्दू व मुस्लिम पक्ष आपस में आमने-सामने आये लेकिन पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से मामला शांत हो गया।

बीते जून माह में बड़ा मंगल के दिन जमीन पर लगे पीपल के पेड़ के नीचे स्थानीय लोगों ने हनुमान प्रतिमा स्थापित कर पूजन कराया। इस दौरान मुस्लिम पक्ष और स्थानीय लोगों में कहासुनी हुई और पुलिस चौकी तक विवाद पहुंच गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन शुरु कर दिया। आमरण अनशन को समाप्त कराने का पुलिस प्रशासन का प्रयास असफल रहा। स्थानीय लोगों के हनुमान प्रतिमा की स्थापना वाली जगह पर मंदिर बनाने की मांग है और इसको लेकर 25 दिन बीत चुके हैं।

हनुमान प्रतिमा की पूजा करने वाले पुजारी सत्यप्रकाश ने कहा कि सुबह से रात तक यहां 24 घंटे आमरण अनशन चल रहा है। मंदिर बनवाने के लिये स्थानीय लोगों का पर्याप्त सहयोग है। स्थानीय लोग रात रात जागकर अनशन में भाग ले रहे है। वहीं सुबह शाम हनुमान जी की आरती और पूजन में भी भाग ले रहे है। हनुमान जी के साथ शनि देव महाराज की प्रतिमा विराजमान की गयी है।

यह भी पढ़ें: बंगाल हिंसा: आयोग की रिपोर्ट से हुए दिल दहलाने वाले खुलासे, ममता सरकार पर लगे गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि मंगलवार और शनिवार को बहुत सारे लोगों का यहां पूजन के लिये आना हो रहा है। जमीन के विवाद में दूसरे पक्ष का जो भी कहना हो, जहां हनुमान जी विराजमान है मंदिर तो वही बनाया जायेगा। इसके लिये स्थानीय पार्षद दिलीप ने दूसरे पक्ष से कहासुनी की तो उनके विरुद्ध मुकदमा लिख दिया गया। प्रतिमा हटाने का प्रयास किया गया। ये हिन्दू भावनाओं के खिलाफ है।