बिपिन रावत की चेतावनी से भड़का पाकिस्तान…कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए दी ये सलाह

बीते दिन भारत के ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत द्वारा पाकिस्तान और चीन को दी गई चेतावनी पर पाकिस्तान ने अपनी भड़ास निकाली है। दरअसल, पाकिस्तान ने डोभाल को अपने काम पर ध्यान रखने की सलाह दी है। यह सलाह पाकिस्तान के विदेश मंत्रालाय ने दिया। पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम बिपिन रावत के पाकिस्तान के बारे में गैर-जिम्मेदाराना और गैर-जरूरी बयान की तीखी आलोचना करते हैं।

बिपिन रावत के बयान पर पाकिस्तान ने इस तरह किया पलटवार

दरअसल, बीते दिन बिपिन रावण ने पाकिस्तान पर आरोपों का ठीकरा फोड़ते हुए आतंकवाद का केंद्र बताया था। उन्होंने कहा था कि पिछले तीन दशकों से पाकिस्तानी सेना और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर छेड़ते हुए आए हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि तमाम आंतरिक और बाहरी चुनौतियों के बावजूद पाकिस्तान का कश्मीर पर अधूरा एंजेडा जारी है। उन्होंने यह बयान दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज में आयोजित हुए वेबिनार में दिया था।

उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम सीडीएस बिपिन रावत के पाकिस्तान के बारे में गैर-जिम्मेदाराना और गैर-जरूरी बयान की तीखी आलोचना करते हैं। भारतीय सीडीएस का पाकिस्तान विरोधी एजेंडा पाकिस्तान के बारे में उनकी गलत समझ के साथ-साथ उनकी राजनीतिकरण करने की आदत को भी दिखाता है।

पाकिस्तान ने कहा कि जनरल रावत का बयान आरएसएस-बीजेपी की सोच से मिलता-जुलता है जो अतिवादी हिंदुत्व और विस्तारवादी अखंड भारत की नीति को बढ़ावा देती है। ये दुखद है कि ये विचारधारा भारतीय सेना समेत वहां की संस्थाओं में भी प्रवेश कर चुकी है। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सीडीएस की बयानबाजी भारत के आंतरिक और बाहरी मोर्चे पर की गई गलतियों से ध्यान नहीं भटका सकेगी।

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इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि हिंदुत्ववादी विचारधारा के परिणामस्वरूप भारत में नियमित तौर पर मस्जिदों में तोड़-फोड़ की जा रही है और लिंचिंग आम बात हो गई है। अल्पसंख्यकों का दमन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कश्मीर के मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि कश्मीर में निर्दोष कश्मीरियों के खिलाफ राज्य समर्थित आतंकवाद भारत सरकार की नीति का हिस्सा बन गया है। पाकिस्तान ने जनरल रावत को सलाह दी कि वो सैन्य क्षेत्र में ही सीमित रहें और पाकिस्तान विरोधी एजेंडा चलाकर करियर बनाने की कोशिश ना करें।