‘आपातकाल’ पर शुरू हुआ संग्राम, बीजेपी के वार के बाद राहुल के बचाव में उतरा विपक्ष

आपातकाल को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दिए बयान से राजनीतिक गलियारे में हलचल मची हुई है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी राहुल और कांग्रेस को निशाने पर लिए हुए हैं, वहीं कांग्रेस और अन्य सहयोगी पार्टियां राहुल के बचाव में खड़ी हैं।

राहुल गांधी की ढाल बना विपक्ष

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने राहुल गांधी के बयान को सच और ईमान की बात कहा है। उन्होंने कहा कि राहुल ने तो पार्टी की गलती मान ली लेकिन क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी नोटबंदी, गलत तरीके लागू लॉकडाउन या फिर गुजरात दंगों के लिए माफी मांगी है। यह सब तो उनकी ही निगरानी में हुआ था। उन्होंने कहा कि एक सच्चे नेता और एक निरंकुश के बीच यही अंतर है।

वहीं, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी राहुल का पक्ष लेते हुए कहा है कि 45 साल बाद ही सही कांग्रेस ने कहीं न कहीं अपनी गलती स्वीकार तो की। अब भाजपा और प्रधानमंत्री की बारी है कि वे यह स्वीकार करें कि गुजरात का दंगा कहीं न कहीं गलत था। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कांग्रेस गलतियों को सुधार रही है तो भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी कब अपनी गलतियों को सुधारेंगे।

इससे पहले, राहुल की इस स्वीकारोक्ति को लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने सीधे तौर पर कहा कि कांग्रेस नेता माफी मांगते थक जाएंगे, लेकिन उनके गुनाहों की गिनती खत्म नहीं होगी। आपातकाल में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई और जिस तरह से उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की, वह माफी के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि गली के हर मोड़ पर कांग्रेस के गुनाहों के ढेर दिखेंगे।

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उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने अर्थशास्त्री कौशिक बसु के साथ एक बातचीत में यह स्वीकार किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आपातकाल लगाने का फैसला एक भूल थी। कांग्रेस की विचारधारा ऐसा करने की अनुमति नहीं देती है। उन्होंने यह भी कहा था कि इस भूल को उनकी दादी इंदिरा गांधी ने भी स्वीकार किया था।